आगरा। डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार को कार्यपरिषद में 43 संविदा कर्मचारियों को स्थाई कर दिया गया है। वह लंबे समय से स्थाई होने की मांग कर रहे थे। गुरुवार को उनका इंतजार खत्म हो गया है। सभी कर्मचारियों के द्वारा कुलपति और कुलसचिव को धन्यवाद दिया जा रहा है।
वर्ष 2001 से पूर्व के कर्मचारियों को शासन ने स्थाई करने के निर्देश दिए थे। निर्देश का पालन कराने के लिए विश्वविद्यालय में 2001 से पूर्व के कर्मचारियों द्वारा स्थाई करने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। गुरुवार को विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक थी। बैठक में 43 कर्मचारियों को स्थाई करने की अनुमति दे दी गई है। इसके अलावा डीन रिसर्च की जिम्मेदारी प्रोफेसर विनीता सिंह, वहीं कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल का निदेशक प्रोफेसर लवकुश मिश्रा को बनाया गया है। कार्यपरिषद की बैठक से पहले विद्या परिषद की बैठक हुई। इसमें कुछ अहम निर्णय लिए गए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु गठित बीए, बीएससी, बीकॉम पाठ्यक्रमों के अध्यादेशों को अनुमोदन प्रदान किया गया। विद्या परिषद द्वारा 135 रोजगार परक पाठ्यक्रमों (वोकेशनल कोर्सेज) को अनुमोदन भी प्रदान किया गया। सीए की उपाधि को एमकॉम. (स्नातकोत्तर) उपाधि के समकक्ष मानने के निर्णय को अनुमोदन भी प्रदान किया गया। बैठक में समाज विज्ञान संस्थान में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र विभाग खोले जाने का निर्णय लिया गया था। संस्थान के पदों का समायोजन भी किया जाना था। प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव की आपत्ति यह थी कि विद्या परिषद के किसी निर्णय को विद्या परिषद की ही अगली बैठक में संपुष्ट किए बिना कार्यपरिषद की बैठक में नहीं रखा जाना चाहिए। कुलपति ने उनकी आपत्ति को सही बताया। बैठक में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय, कुलसचिव संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव, वित्तअधिकारी एके सिंह, प्रोफेसर सुगम आनंद प्रोफेसर, प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रोफेसर अजय तनेजा, प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर, डॉ. रणवीर सिंह, प्रोफेसर दीप माला श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहीं।