-गौरव प्रताप सिंह-
आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के गोपाल कुंज में बने आवासों की मरम्मत के नाम पर 60 लाख रुपये का भुगतान हुआ है और आवासों की स्थिति पहले जैसी जर्जर बनी हुई है। कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर ने पूर्व कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, इंजीनियर और कार्यदायी संस्था पर घपलेबाजी करने का आरोप लगाया है। मामले में कुलपति और कुलसचिव से शिकायत की है। वह एसटीएफ को भी पत्र लिख रहे हैं।
बता दें कि विवि में पैसे को पानी की तरह बहाया जाता है। जो काम चंद हजार रुपयों में हो सकता है उसके लिए लाखों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं। विवि में कई मामलों में जितना पैसा स्वीकृत होता है उसका 20 प्रतिशत भी मौके पर नहीं लगाया जाता। वहीं कुछ कागजों में काम दिखाकर हजम कर लिया जाता है। यही गोपालकुंज में बने आवासों को लेकर हुआ है। पूर्व कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित के कार्यकाल में यहां मरम्मत को 60 लाख रुपये पास हुए। वह 12 लाख का भुगतान कर गए जबकि मरम्मत हुई नहीं। इनके बाद आए दो कुलपतियों प्रो. अशोक मित्तल और प्रो. आलोक राय ने कोई भुगतान नहीं किया। प्रो. विनय पाठक ने आते ही देखा कि इसमें अभी पैसा देने के लिए बकाया है, उन्होंने 48 लाख रुपये का बिना काम हुए भुगतान कर दिया। कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर ने कुलसचिव से शिकायत करते हुए कहा कि गोपालकुंज में दो ब्लाकों में 60 लाख रुपये का कार्य स्वीकृत हुआ। बिना काम हुए भुगतान भी हो गया। आवासों की स्थिति पहले जैसी बनी हुई है। केवल हल्की सी पुताई कर दी गई है। पुट्टी भरने का कार्य सहित अन्य कार्य नहीं कराए गए हैं। इसके अलावा यह भी शिकायत है कि अभियंता की सहमति से करोड़ों रुपये की जमीन पर अराजक तत्वों ने कब्जा करा दिया है।
यह वह आवास हैं जिनकी मरम्मत के नाम पर 60 लाख का भुगतान हुआ है।