आगरा। आगरा में महिला दरोगा से अश्लील हरकत करने के बाद जिले की सभी महिला दरोगाओं के साथ सोमवार को एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा ने बैठक ली। बैठक में जब यह पूछा गया की आपको भी कोई परेशानी तो नहीं है। इसमें कई महिला दरोगाओं का दर्द झलक उठा। शहर के सर्किल के एक एसीपी की शिकायत की गई की वह रात में अपने ताजगंज स्थित शंकर ग्रीन फ्लैट पर बुलाते हैं और वहां पर ओआर लेते हैं। थाना प्रभारी तो हॉल में सोफे पर बैठ जाते हैं। महिला दरोगाओं को खड़े ही रहना पड़ता है। एत्मादपुर सर्किल के एक थानाध्यक्ष की भी कई महिला दरोगाओं ने शिकायत की कि वह परेशान करने की नीयत से रात में ही ओआर रखते हैं। यह वही थाना अध्यक्ष है जो पिछले कुछ महीने से सुर्खियों में छाए हैं।
एत्माउद्दौला थाने में एक महिला दरोगा पर इंस्पेक्टर दुर्गेश मिश्रा अपने कमरे में साथ सोने के लिए दबाव बना रहे थे। महिला दरोगा को एक बार उन्होंने पकड़ भी लिया था।आरोप है कि जबरदस्ती उसकी किस लेने की भी कोशिश की गई थी । विरोध करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी। मामले में जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद इंस्पेक्टर को निलंबित तो कर दिया गया है, लेकिन उनके खिलाफ अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। इस बात को लेकर आगरा कमिश्नरेट के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं कि आखिर वह इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कर रहे हैं। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी ट्वीट कर इंस्पेक्टर और एसएसआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इधर लखनऊ तक मामला सुर्खियों में जाने के बाद सोमवार को पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर एसीपी सुकन्या शर्मा ने पूरे जिले की महिला दरोगाओं को बुलाकर उनके साथ बैठक की। बैठक की शुरुआत एत्माउद्दौला प्रकरण से ही की गई। एसीपी सुकन्या शर्मा ने कहा कि आपको तो पता ही होगा एत्माउद्दौला थाने में क्या हो गया है, उन्होंने सभी प्रशिक्षु महिला दरोगाओं से कहा कि अगर सीनियर उन पर कोई दबाव बनाते हैं तो वह अधिकारियों को बताएं। हमराह में जाने की आवश्यकता नहीं है। अगर जाएं तो साथ में एक महिला पुलिसकर्मी और ले जाएं। ऐसे ही दबिश में भी अकेले ना जाएं। इसमें भी एक महिला पुलिसकर्मी साथ में ले जाएं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अभी आप नई हैं। किसी भी कांस्टेबल से ज्यादा मतलब नहीं रखें। कई बार ऐसा होता है कि दो-तीन साल बाद पता चलता है, वह शादीशुदा है। ऐसे में दिक्कत हो जाती है। आप अपने काम से काम रखें और अपने काम को बेहतर तरीके से करें। इसके बाद महिला दरोगाओं से पूछा गया उन्हें कोई समस्या तो नहीं है। सूत्रों का कहना है कि इस पर शहर के एक सर्किल की महिला दरोगा बोली हमारे एसीपी साहब रात में एकदम अपने ताजगंज स्थित प्राइवेट फ्लैट पर मीटिंग बुला लेते हैं, उस समय हम खाना बना रहे होते हैं। फोन आने के बाद एकदम ऑटो या रिक्शा पकड़कर उनके प्राइवेट आवास पर भागना पड़ता है। वहां बैठने तक की जगह नहीं है, जिस हाल में मीटिंग ली जाती है। एक सोफा पड़ा हुआ है उन पर इंस्पेक्टर तो बैठ जाते हैं और सभी खड़े रहते हैं। यह मीटिंग दिन में थाने में होनी चाहिए। रात में उनके फ्लैट पर बुलाने का क्या औचित्य है। एसीपी सुकन्या शर्मा ने कहा अब आगे से ऐसा नहीं होगा। एत्मादपुर सर्किल की महिला दरोगाओं ने अपने थानाध्यक्ष की शिकायत की। शिकायत में कहा कि हमारे थानाध्यक्ष का मिजाज भी कुछ ठीक नहीं है। वह हमेशा रात में ही 11:00 बजे बुलाते हैं, जिससे महिला पुलिसकर्मियों पर दबाव बनाया जा सके। एसीपी ने उनकी शिकायत को भी गंभीरता से लिया। इधर पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड़ ने भी एक आदेश जारी किया है, जिसमें लिखा है कि सूर्यास्त के बाद थानों में विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी ना लगाई जाए। विशेष परिस्थितियों में बाहर रहने वाली महिला पुलिसकर्मी को ड्यूटी के लिए बुलाया जाना आवश्यक है तो सरकारी वाहन भेज कर ही बुलाया जाए। किसी महिला पुलिसकर्मी को थाना प्रभारी अथवा अन्य किसी अधिकारी के हमराह की ड्यूटी में नहीं लगाया जाए। अगर ड्यूटी में ले जाना आवश्यक है तो कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी ले जाएं। महिला पुलिसकर्मियों की रात्रि गणना सूर्यास्त से पहले ही कर ली जाए। महिला इंस्पेक्टर, महिला दरोगा का अर्दली रूम दिन के समय थाना कार्यालय अथवा एसीपी कार्यालय में ही किया जाए।