आगरा। मंगलवार को हाथरस में हुए हादसे का मामला गर्माने पर भोले बाबा बने सूरज पाल सिंह के पुराने कारनामे सामने आने लगे हैं। बताया गया कि भोले बाबा 24 साल पहले जेल भेजा गया था, लेकिन बाद में उसे क्लीन चिट मिल गई थी।
सूरज पाल सिंह वर्ष 2000 में शाहगंज के केदार नगर में एक छोटे से मकान में रहता था। संतान न होने पर अपने रिश्तेदार की बेटी को गोद लिया था। मार्च 2000 में बेटी की मृत्यु होने पर उसको चमत्कारिक उपचार से जिंदा करने का दावा किया गया। कई दिन तक उसे घर में ही रखा गया। इस दौरान आसपास के लोगों ने पुलिस बुला ली। तब शाहगंज थाने के हेड कांस्टेबल सत्यप्रकाश ने सूरज पाल सिंह, कुंवर पाल, मेवाराम, प्रेमवती, कमलेश सिंह, वचन सांवरे और मीना को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। एसआई हरगोविंद साहू ने इस मामले की विवेचना के बाद 24 मार्च 2000 में ही चार्जशीट लगा दी। मगर, न्यायालय ने अराजपत्रित अधिकारी द्वारा विवेचना किए जाने पर चार्जशीट निरस्त कर राजपत्रित अधिकारी द्वारा विवेचना करने के आदेश दिए। इसके बाद तत्कालीन सीओ लोहामंडी ने विवेचना की और दो दिसंबर 2000 को मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी।