आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय में एसटीएफ को जांच करता देखकर भी विश्वविद्यालय प्रशासन और रूसा प्रभारी के द्वारा बिना नक्शा पास कराए एकेडमिक ब्लॉक बनवाया जा रहा है। आज आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा यह निर्माण कार्य रुकवा दिया गया है। साथ ही बिल्डिंग पर कुलपति के नाम से नोटिस चस्पा कर दिया है। अगर यहां निर्माण कार्य शुरू कराया तो प्रतिदिन के हिसाब से 1250 रुपये पेनल्टी लगेगी। साथ ही कुलपति के ऊपर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
रूसा के तहत खंदारी पर बैंक के बराबर में एक एकेडमिक ब्लॉक बनाया जा रहा है। प्राधिकरण से इसका नक्शा भी पास नहीं कराया गया और निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। संस्कृति भवन का भी बिना नक्शा पास कराए ही निर्माण करा लिया गया था। आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के संज्ञान में जब यह बात आई कि विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर में बिना नक्शा पास कराए बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही है तो अधिकारी वहां नक्शा चेक करने के लिए पहुंच गए। नक्शा नहीं मिलने पर उन्होंने कुलपति के नाम से निर्माणाधीन बिल्डिंग पर नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस चस्पा होने के बाद विश्वविद्यालय में खलबली मच गई है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने काम भी रुकवा दिया है। सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर बिना नक्शा पास कराए जल्दबाजी में यह बिल्डिंग क्यों बनवाई जा रही है? इधर विश्वविद्यालय के इंजीनियर हरिमोहन शर्मा के ऊपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि वह आखिर बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य कैसे शुरू करा देते हैं? एसटीएफ के द्वारा जितने भी निर्माण कार्यों की जांच की जा रही है उन सभी फाइलों पर इंजीनियर हरिमोहन शर्मा के भी हस्ताक्षर हैं। इसलिए भविष्य में उनकी भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आखिर बिना नक्शा पास कराए उनके द्वारा निर्माण कैसे कराया जा रहा है। यह जानने के लिए जब इंजीनियर हरिमोहन शर्मा का कई बार फोन मिलाया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इधर कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के केस में आज सुनवाई थी। मामले में अब 15 नवंबर को सुनवाई होगी।