आगरा। दिन-प्रतिदन के तनाव और चिंता के बीच खुश रहकर जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से तनाव और चिंताओं को दूर कर जीवन में खुशी और आनंद लाने की कला सीखी जाती है।
रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम योग, ध्यान और प्राणायाम पर आधारित हैं, जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इन तकनीकों के माध्यम से व्यक्ति मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त कर सकता है।इसी श्रृंखला में रविवार को योग द्वारा जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से संगीत, ध्यान व स्वादिष्ट भोजन के संगम का सफल आयोजन यूथ हॉस्टल में किया गया।
इस भजन संध्या में संगीत कला का प्रदर्शन तन्मय मिश्रा व उनकी टीम द्वारा किया गया। योग व बौद्धिक वार्ता रश्मिन पुलेकर (अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक व टीईडीएक्स वक्ता, आर्ट ऑफ़ लिविंग) द्वारा की गई। सत्र में अनेक पाठ्यक्रमों के विषय में समझाया जो सात वर्ष से 80 वर्ष के वर्ग के लिए बने हैं। यह भी सिखाया गया कि योग द्वारा किस प्रकार हम तनावमुक्त जीवनयापन कर सकते हैं।
कार्यक्रम में कर्णप्रिय संगीत व मधुर भजनों ने पूरे परिसर को भक्तिमय कर दिया। सत्र में अनेक एपेक्स सदस्यों सहित लगभग 150 लोग सम्मिलित हुए। इस संबंध में एपेक्स सदस्य डॉक्टर सुशील गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य से बढ़कर जीवन में कुछ भी नहीं है और हमें इसका बेहतर ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भी भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल के विषय में शीघ्र ही सूचित किया जाएगा। कार्यक्रम में ममता रल्ली ने बताया कि आज के समय में हर आयु के लिए इस प्रकार के प्राणायामों की अत्यधिक आवश्यकता है क्योंकि हर व्यक्ति किसी न किसी तनाव में जी रहा है। उन्होंने जीवन में योग के महत्व को समझाया।
