आगरा। छत्रपति शाहूजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा दर्ज होने की भनक लगने पर कुलपति कानपुर विश्वविद्यालय से लापता भी हो गए हैं।
डिजिटेक कंपनी के प्रबंध निदेशक डेविड की ओर से इंदिरा नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुये आरोप लगाया गया है कि उनकी एजेंसी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में 2015 से प्री और पोस्ट परीक्षा का कार्य कर रही है। वर्ष 2019-20 तक आगरा विश्वविद्यालय के परीक्षा से संबंधित अनुबंध के तहत उनकी एजेंसी कार्य कर रही थी। वर्ष 2020- 21 में यूपीएलसी के माध्यम से उन्हें प्री और पोस्ट परीक्षा से संबंधित कार्य मिला। कंपनी का भुगतान विश्वविद्यालय में लंबित था। आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने उनसे कहा मैं भुगतान तो कर दूंगा लेकिन मुझे 15 प्रतिशत कमीशन चाहिए। इसके अलावा यह भी कहा कि तुम जानते नहीं हो मैं कुलपति बनवाता हूं। आठ विश्वविद्यालयों में मेरे द्वारा कुलपति बनवाए गए हैं। मुझे ऊपर तक पैसा देना पड़ता है। परेशान होकर डेविड 15 प्रतिशत कमीशन देने के लिए तैयार हो गए। डेविड ने यह भी आरोप लगाया है कि कुलपति ने कहा कि एक्सएल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को कमीशन के पैसे पहुंचा देना। साथ ही यह भी कहा कि अगर तुमने पैसे नहीं दिए तो तुम्हें जान से मरवा दूंगा। प्रबंध निदेशक डेविड ने अजय मिश्रा को 30 लाख रुपये दे दिए। अजय मिश्रा ने कहा कि तीन लाख रुपए कमीशन कम है। तीन लाख कम क्यों लेकर आए हो। अजय मिश्रा ने भी डेविड को पैसे कम देने पर जान से मारने की धमकी दी। दूसरे दिन डेविड ने तीन लाख अजय मिश्रा को जाकर दे दिए। अजय मिश्रा ने 63 लाख रुपए एक खाते में भी ट्रांसफर कराए। इसके अलावा और भी नगद लाखों रुपया अजय मिश्रा को अलग से दिया। आरोप है कि कुल मिलाकर एक करोड़ 41 लाख रुपए कमीशन के रूप में लिए। कुलपति और अजय मिश्रा के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अजय मिश्रा के पास से 10 लाख रुपये भी बरामद हुए हैं। वहीं कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक लापता हो गए हैं।
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में कार्यवाहक कुलपति रहने के दौरान विश्वविद्यालय में काफी अनियमिततायें बरते जाने की चरचा है। एसटीएफ सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।