-गौरव प्रताप सिंह-
आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय की परीक्षा मजाक बनती नजर आ रही है। एक कॉलेज प्राचार्य के द्वारा कुलाधिपति और मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है कि विश्वविद्यालय में 128 कॉलेज के छात्रों के जेंडर चेंज हुए हैं। जांच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। एक अधिकारी से भी मुलाकात कर उन्होंने एक प्रोफेसर पर पूर्व में पैसे लेकर केंद्र बनाने के आरोप लगाए। प्रोफेसर अधिकारी का खास है उस पर कार्रवाई होगी या नहीं? यह देखने के लिए सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं 21 नवंबर से चल रही हैं। पहले ही दिन से परीक्षाओं का मख़ौल उड़ रहा है। परीक्षा शुरू होने के बाद भी केंद्र बदले जा रहे हैं। अन्य दलों के लोगों को छोड़िए भाजपा सरकार के ही विधायक के बेटे का केंद्र बदल दिया गया, जिसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया। परीक्षा नियंत्रक की कार्यशैली को लेकर वह विधानसभा में भी प्रश्न उठाएंगे। विधायक चौधरी बाबूलाल का कहना था परीक्षा नियंत्रक ओमप्रकाश को तत्काल निलंबित कर देना चाहिए।
इधर परीक्षाओं के बीच में एक नया खेल सामने आया। तीन कॉलेज ऐसे पकड़े गए जिन्होंने सेल्फ सेंटर बनवाने के लिए छात्र को छात्रा बना दिया। उनका जेंडर ही चेंज कर दिया। श्री रामचरण सिंह डिग्री कॉलेज के प्राचार्य की ओर से कुलाधिपति और मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है कि उनके कॉलेज का केंद्र बिना सूचना दिए 27 नवंबर की रात 18 किलोमीटर दूर बीहड़ के एक कॉलेज में डाल दिया गया। इस बात की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से 28 नवंबर की सुबह हुई। प्राचार्य का कहना है कि जहां केंद्र डाला गया वहां आने जाने का कोई साधन नहीं है। यह परीक्षा केंद्र पर आने जाने का कोई साधन नहीं है। खादर में स्थित होने के कारण सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त और बीहड़ जंगल में स्थित है। 29 नवंबर को शाम की पाली में प्रथम वर्ष की कुछ छात्राओं ने आने-जाने की समस्याओं को देखते हुए परीक्षा छोड़ दी। कुछ को केंद्र ही नहीं मिला। इसके कारण उनकी परीक्षा छूट गई। छात्राओं ने यह भी कहा कि सर्दी का मौसम चल रहा है 5:00 बजे अंधेरा छा जाता है। रास्ते में लौटते समय उनके साथ कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है क्योंकि रास्ता सुनसान है। कॉलेज प्राचार्य ने केंद्र बदले जाने की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी लिखा है कि जेंडर वाली त्रुटि 128 महाविद्यालय ने की है। एजेंसी के डाटा से मिलान करने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। क्या यह सभी कॉलेज अनुसार दोषी नहीं है। यदि है तो उन सभी कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई कर उनके परीक्षा केंद्र क्यों निरस्त नहीं किए गए। आरोप यह भी लगाया है कि चहेतों को बचाया गया है और धड़ल्ले से नकल के नाम पर छात्रों का शोषण कर परीक्षा कराई जा रही है। कॉलेज प्राचार्य ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर सीबीआई जांच करने की मांग की है। कॉलेज प्राचार्य के द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारी से भी सोमवार को मुलाकात की गई और उनसे कहा गया कि एक प्रोफेसर के द्वारा पूर्व में पैसे लेकर केंद्र बनाया जाता था इस बार पैसे नहीं दिए तो प्रोफ़ेसर ने उसके साथ खुन्नस निकाली है। अधिकारी ने कहा आपने पहले पैसे क्यों दिए। कॉलेज संचालक ने कहा काम कराने के लिए। अधिकारी ने कहा आपको पैसे नहीं देने चाहिए थे। इस पर कॉलेज प्राचार्य ने कहा इस बार नहीं दिए थे तभी तो नुकसान हुआ है। इसके बाद अधिकारी ने चुप्पी साध ली।