आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को रखने के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया गया था। इस पर अवैध वसूली करने का आरोप है। कर्मचारी नेता डॉक्टर आनंद टाइटलर द्वारा राजभवन में की गई शिकायत पर राजभवन ने मामले में कुलपति से जांच करने के लिए कहा है। कुलपति ने मामले की जांच भी शुरू करा दी है। इधर कर्मचारी नेता द्वारा एसपी एसटीएफ को भी मामले में पत्र लिखने की बात कही जा रही है।
कर्मचारी नेता डॉ आनंद टाइटलर ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की कंपनी के द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से जो कर्मचारी रखे गए हैं उन्हें दो से तीन महीने तक वेतन नहीं दिया जाता है। प्रति कर्मचारी दो हजार रुपये की अवैध वसूली की जाती है। आरोप यह भी है कि आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने वाले वेंकटेश्वर सिक्योरिटी एंड मैनपावर कंपनी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को कमीशन के चलते 0.5 फीसदी सर्विस चार्ज को नौ गुना बढ़ाकर 4.5 फीसदी करा लिया। हर महीने करीब 14 लाख रुपये से अधिक का भुगतान विश्वविद्यालय करता है। इसके बिल में 405 रुपये पाने वाले कर्मचारियों के वेतन में से 25 रुपये और 499 रुपये पाने वाले कर्मचारियों के वेतन से 40 रुपये कमीशन रजिस्ट्रार चार्ज के तौर पर दर्शाया गया है। कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर का कहना है कि पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक के द्वारा इस कंपनी से अनुबंध किया गया था। इसलिए इसकी भी एसटीएफ को जांच करनी चाहिए।