आगरा। मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी ने गुरूवार को जिला अस्पताल की व्यवस्था, साफ सफाई एवं इलाज की सुविधा के साथ साथ पीडब्लूडी और सेतु निगम के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया।
मण्डलायुक्त ने सर्वप्रथम आगरा जिला अस्पताल में हड्डी रोग विभाग का दौरा किया। कक्ष में मौजूद चिकित्सक द्वारा अवगत कराया गया कि प्रतिमाह लगभग 40 सर्जरी हो रही हैं जिसमें आयुष्मान योजना के लाभार्थी भी शामिल हैं। ऑर्थो कक्ष से बाहर व्हील चेयर पर पैर में प्लास्टर चढ़े मरीज से हाल चाल लिया। मरीज युवक जानी निवासी गोपालपुरा द्वारा बताया गया कि जिला अस्पताल में उनकी सर्जरी निःशुल्क हुई है, लेकिन ऑर्थो ऑपरेशन हेतु प्रयोग में आने वाले इम्प्लांट का सामान निजी, बाहरी एजेंसी से खरीदा। इस पर उनके द्वारा निर्देश दिए कि जिला अस्पताल में कोई भी बाहरी एजेंसी या व्यक्ति अस्पताल के अंदर इम्प्लांट की बिक्री न करें और न ही चिकित्सक द्वारा इम्प्लांट खरीदने को किसी एजेंसी को रेफर किया जाए।
दवा वितरण कक्ष में रखी दवाईयों की भी उन्होंने जांच की। काउंटर पर दवाई ले रहीं महिला तीमारदारों से बातचीत कर अस्पताल से मिल रही दवाईयों की स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान कांउटर के उपर छत का जगह-जगह प्लास्टर टूटा हुआ दिखाई दिया। उन्होंने मेंटेनेंस कराने के निर्देश दिए। आकस्मिक विभाग, एनआरएल वार्ड में भर्ती मरीज व बच्चों के परिजनों से चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे ईलाज के हालचाल लिया। तीमारदारों द्वारा बताया गया कि इलाज, दवाई और खानपान आदि सभी सुविधाएं समय से मिल रहीं है। कोई परेशानी नहीं है। इसके बाद जिला अस्पताल के मेडिकल स्टाक रूम का निरीक्षण किया। दवाइयां की उपलब्धता, स्टॉक रजिस्टर एवं एक्सपायरी दवाइयों की दर्ज प्रविष्टि का ब्यौरा मांगा लेकिन कई बार कहने के बावजूद चीफ फार्मासिस्ट एक्सपायरी दवाइयों की दर्ज प्रविष्टि का ब्यौरा नहीं दिखा सके और न ही यह बता सके कि एक्सपायरी दवाइयों को कहां और कैसे निस्तारण किया गया। इससे नाराज मण्डलायुक्त ने चीफ फार्मासिस्ट के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए। मरीजों की जांच को संचालित हो रही मशीनों को देखा। अवगत कराया गया कि सीटी स्कैन मशीन से प्रतिदिन 25 से 30 मरीजों की जांच कर पांच मिनट के अंदर ही रिपोर्ट साथ में दी जाती है। लेकिन जांचों की स्थिति सीएम डैशबोर्ड पर अपडेट नहीं की जा रही है। वहीं एक्सरे विभाग में चार में से तीन मशीन सक्रिय मिली। बैटरी खराब होने से एक मशीन बंद थी। अवगत कराया गया कि प्रतिदिन सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक लगभग 400 डिजिटल एक्सरे किये जा रहे हैं। अल्ट्रासाउंड मशीन से होने वाली जांच का रजिस्टर चेक किया। तीन मशीनें होने के बावजूद महीने में केवल 35 से 40 ही जांच की जा रही थी। मण्डलायुक्त ने मानक से कम जांच होने पर नाराजगी जताई और जांचों की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि जांच कराने आ रहे मरीज खाली हाथ वापस नहीं लौटने चाहिए। सभी की अल्ट्रासाउंड जांच हो। निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त को मेडिको लीगल में मिल रही शिकायतों को लेकर निर्देश दिये कि भविष्य में शिकायतें न आयें और न ही गलत आख्या लगाई जाए। किसी का शोषण न हो यह भी ध्यान रखा जाए।

इसके बाद मण्डलायुक्त ने पुलिस लाइन के पीछे बन रहे ट्रांजिट हॉस्टल का निरीक्षण किया। संबंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि ट्रांजिट हॉस्टल में चार टावर बना रहे हैं। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2023 में दो महीने की देरी से शुरू हुआ था। निर्देश दिये कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखा जाए। दो टॉवर ए और बी का निर्माण कार्य मार्च 2025 तक पूरा किया जाए। निरीक्षण के दौरान उनके साथ जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, सीएमएस राजेन्द्र कुमार, सेतु निगम के परियोजना प्रबन्धक आर बी दिवाकर, महाप्रबन्धक वेदप्रकाश, पीडब्लूडी मुख्य अभियन्ता एन के यादव आदि मौजूद रहे।