आगरा। पुलिस आयुक्त के द्वारा बुधवार को एक चौकी प्रभारी को तलब किया गया। वह जैसे ही उनके सामने पेश हुआ। पुलिस आयुक्त बोले तुम्हारी चौकी यहीं खुलवा दूं। सबसे ज्यादा पीड़ित तुम्हारे यहां के आ रहे हैं। चौकी प्रभारी बोला साहब अभी नया हूं। पुलिस आयुक्त ने पूछा कितने महीने हो गए। इस पर उसने जवाब दिया कि 15 महीने। पुलिस आयुक्त बोले 15 महीने में नए माने जाओगे या पुराने। आज के बाद अगर तुम गंभीर नहीं हुए तो कार्रवाई करूंगा।
बुधवार सुबह दस बजे पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ऑफिस में बैठ गए। एक के बाद एक फरियादी उनके सामने पेश होने लगे। 12 बजे तक उनके सामने बिचपुरी के पांच पीड़ित पेश हुए। हर किसी की एक ही शिकायत थी कि चौकी पर कोई सुनवाई नहीं होती। इस पर पुलिस आयुक्त का माथा ठनक गया। पुलिस आयुक्त ने पीआरओ से चौकी प्रभारी अमित कुमार को बुलाने के लिए कहा। चौकी प्रभारी जैसे ही उनके सामने आए और बताया कि मैं बिचपुरी चौकी प्रभारी हूं। इसके बाद उन्होंने उसकी डांट लगाई और जितने भी पीड़ित आए थे। सभी उनके सामने खड़े कर दिए। चौकी प्रभारी से उन्होंने कहा कि सभी की सुनवाई करो। इसके अलावा उन्होंने एक पीड़ित को सदर थाने में भेजा था। पीड़ित से कहा था कि अगर थाना पुलिस सुनवाई नहीं करें तो मुझे वहीं से फोन करना। पीड़ित की थाना पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की उसे दुत्कार कर भगा दिया। पीड़ित ने थाने के बाहर खड़े होकर पुलिस आयुक्त को फोन कर कहा कि साहब आपके कहने पर भी सुनवाई नहीं हो रही है। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर नीरज शर्मा को फोन कर कहा कि पीड़ित थाने के बाहर खड़ा हुआ है, उसकी जल्दी सुनवाई करो। पुलिस आयुक्त द्वारा एक-एक पीड़ित के लिए फोन किए जाने पर थाना प्रभारियों के बीच में भी खलबली मच गई है। उनका आपस में कहना है कि उन्हें पीड़ितों को हर हाल में थाने में ही संतुष्ट करना पड़ेगा। अगर साहब के सामने पीड़ित चला गया तो पता नहीं कब क्या कार्रवाई हो जाए।