आगरा। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश के तीन जिले आगरा, गाजियाबाद और इलाहाबाद को कमिश्नरेट बनाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर अब पुलिस की शक्तियां बढ़ जाएंगी। कई मामलों में जिलाधिकारी के पास फाइल भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
जानकारों का कहना है कि एडीएम और एसडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की शक्तियां पुलिस को मिल जाएंगी। शांति भंग की आशंका में निरुद्ध, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट लगाने तक में पुलिस सीधे कार्रवाई कर सकेगी। किसी आयोजन की अनुमति के लिए भी अब प्रशासनिक अधिकारियों के पास फाइल नहीं जाएगी। कमिश्नर सीधे निर्णय ले सकेंगे। इधर आगरा में आईपीएस अधिकारियों की संख्या बढ़ जाएगी। यहां अब कई आईपीएस की तैनाती हो जाएगी। होटल बार और हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास आ जाएगा। इसके अलावा जमीन से संबंधित विवाद के निस्तारण के लिए भी पुलिस के पास में अधिकार आ जाएंगे। आगरा में पहले कमिश्नर कौन बनेंगे। यह देखने के लिए सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।