आगरा। ई-श्रम कार्ड बनाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से धोखे से बायमेट्रिक कराकर फर्जी सिम एक्टीवेट कर मेवात व अन्य क्षेत्र में बेचने वाले तीन सिम एजेन्टों को साइबर क्राइम सेल व मलपुरा पुलिस ने पकड़ा है।
कान्ता देवी के द्वारा पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई थी कि मलपुरा क्षेत्र में ई-श्रमकार्ड बनवाने के लिए जितेन्द्र कुमार व अन्य साथियों के द्वारा बायमेट्रिक लगवा लिया गया। कुछ दिन उपरान्त जानकारी हुई कि मेरे नाम पर फर्जी सिम जारी कर दी गई है, जिसके माध्यम से मेवात क्षेत्र से कॉल कर धोखाधडी की जा रही है। कमिश्नर के आदेश पर साइबर क्राइम सेल द्वारा जांच शुरू कर दी गई। जांच के दौरान फर्जी सिमों की जानकारी की गई तो पाया कि उक्त फर्जी सिम मेवात क्षेत्र में संचालित हैं, जिनसे फौजी बनकर ओएलएक्स व अन्य साइटों के माध्यम से यूपीआई का इस्तेमाल कर धोखाधडी की जा रही है। केवाईसी से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर मलपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त पियूष निवासी इरादतनगर डिस्ट्रीब्यूटर वीआई द्वारा बताया कि अजीत वीआई का डिस्ट्रीब्यूटर व जितेन्द्र जिओ का एजेन्ट है। हम सब मिलकर ई-श्रम कार्ड व अन्य योजनाओं के नाम पर गांव के लोगों से धोखे से अंगूठा निशानी व फोटो लेकर सिम इश्यू कर देते हैं, जिनको आशीष पूर्व सीएससी यूनियन बैंक के द्वारा पूर्व में एक्टिवेट कराये सिम को 400-500 रूपये में बेच देते हैं। आशीष मेवात व अन्य क्षेत्रों में बेचकर रूपया लेता है। जिसको हम सब आपस में बांट लेते हैं। पुलिस ने अजीत, जितेंद्र, पियूष तीनों ही गिरफ्तार किए हैं। इनके पास से फर्जी 75 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। इन को गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष मलपुरा तेजवीर सिंह, साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह, सुबोध मान हेड कॉन्स्टेबल विजय तोमर, सनी, अमित कुमार मनोज कुमार आदि शामिल रहे।