आगरा। आईपीएस केशव चौधरी जिस जिले में भी रहते हैं। वहां वह पीड़ितों के लिए मसीहा बन जाते हैं। आगरा में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। सिर्फ तीन महीने के कार्यकाल में ही वह इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि रोजाना सौ से डेढ़ सौ पीड़ित उनके पास न्याय की आस लेकर पहुंच रहे हैं। हर रोज उनके द्वारा कई ऐसे मामलों का निस्तारण कराया जा रहा है जो कई सालों और कई महीनों से पेंडिंग थे।
पुलिस अपर आयुक्त केशव चौधरी डीआईजी रैंक के अधिकारी हैं। वह कई जिलों में पुलिस कप्तान रहे हैं। जिस- जिस जिले में वह रहे हैं उस जिले की जनता उन्हें अभी भी याद करती है। वह अपनी कार्यशैली से सामने वाले को इतना प्रभावित कर देते हैं कि वह ना चाहते हुए भी उनके गुणगान करने लगता है। आगरा में भी उनकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। जिन-जिन पीड़ितों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। वह उनका प्रचार कर रहे हैं। वह दूसरे पीड़ित लोगों से बोल रहे हैं कि यदि पुलिस अपर आयुक्त के सामने जाओगे तो समस्या का समाधान भी पाओगे। आलम यह हो गया है कि रोजाना सौ से डेढ़ सौ फरियादी उनके सामने आ रहे हैं। इनमें अधिकतर वह हैं जो सालों से न्याय की आस में भटक रहे थे। मौके से ही समाधान का निस्तारण होता देख लोग उन्हें दुआएं देकर जा रहे हैं। पुलिस अपर आयुक्त के द्वारा फरियादियों को अपना मोबाइल नंबर भी दिया जाता है, उनसे कहा जाता है कि उनके कहने के बाद भी अगर पुलिस उनकी सुनवाई नहीं करें तो वह उन्हें कॉल करें। थाना पुलिस के द्वारा अगर पीड़ित की सुनवाई नहीं की जाती है तो वह उन्हें वहीं से फोन करता है। इसके बाद पुलिस अपर आयुक्त के द्वारा थाना प्रभारी की जमकर क्लास लगाई जाती है। क्लास लगने के बाद थाना प्रभारी के द्वारा तत्काल पीड़ित की समस्या को सुना जाता है और उसका निस्तारण किया जाता है।
पुलिस अपर आयुक्त सुबह 10:00 बजे से लेकर रात के 7:00 बजे तक निरंतर अपने ऑफिस में बैठते हैं। ऑफिस के पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्होंने अब तक के कार्यकाल में पहली बार किसी आईपीएस को इतने लंबे समय तक बैठते हुए देखा है।
94544 00376 पर करें शिकायत
पुलिस अपर आयुक्त के द्वारा अपना मोबाइल नंबर 9454400376 जारी किया गया है। यह उन पीड़ितों के लिए है जिनकी सुनवाई थानों में नहीं हो रही है। पुलिस अपर आयुक्त द्वारा पीड़ितों से यह भी कहा जा रहा है अगर उनसे कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत मांगता है तो वह इस नंबर पर उनकी शिकायत करें।
समीक्षा बैठक में छूट रहे पसीने
पुलिस अपर आयुक्त द्वारा इस बात की भी समीक्षा की जा रही है कि चोरी हुए वाहनों में कितने वाहन बरामद किए गए हैं। जो लोग गुमशुदा हैं उनकी बरामदगी कितनी हो रही है। चोरी की विवेचना में माल कितना बरामद हो रहा है। विवेचना कितने समय से लंबित हैं। अब तक की समीक्षा में यह भी सामने आया है कि शहर के थानों का बहुत बुरा हाल है। कई थानों में सुनवाई नहीं हो रही है। एसीपी भी मॉनिटरिंग के मामले में फेल हैं।