आगरा। बरहन में पुलिस के टॉर्चर की वजह से एक ही परिवार के दो भाइयों ने आत्महत्या कर ली है। दूसरे भाई ने बरहन थाना पुलिस से कहा भी था कि दो दिन में अगर मेरी सुनवाई नहीं हुई तो मैं भी आत्महत्या कर लूंगा। बरहन थाना पुलिस ने उसकी कोई सुनवाई नहीं की। अगर थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर लेती और उसकी सुनवाई कर लेती तो शायद आज दूसरा भाई जिंदा होता। मृतक का सुसाइड नोट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उसमें उन्होंने लिखा है- मैंने पुलिस से पंगा लेने की भूल की, कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना, बहुत परेशान करते हैं।
गांव रूपधनू के रहने वाले संजय को सादाबाद थाना पुलिस 9 जून की रात उठाकर ले गई थी। उसे 11 जून तक सादाबाद थाने में रखकर थर्ड डिग्री दी गई। इसके बाद शांति भंग में चालान कर दिया गया। संजय को धमकी दी गई थी 22 जून तक अगर उनका जो साला लड़की भगा कर ले गया है, वह नहीं मिली तो उसे फिर से बुलाया जाएगा। इसी डर से संजय ने शनिवार को फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। सूचना पर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। पेड़ से शव उतरने से रोक दिया था। ग्रामीणों ने कहा था दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। मृतक के भाई प्रमोद जो कि होमगार्ड थे उन्होंने बरहन थाना पुलिस से कहा था दो दिन में मेरी सुनवाई नहीं की तो मैं भी आत्महत्या कर लूंगा। उनकी तहरीर पर थाना पुलिस द्वारा सोमवार तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया जा रहा है इस बात से और सीओ सादाबाद के लगातार फोन आने से आहत होकर होमगार्ड प्रमोद ने भी उसी पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली जिस पर उसके भाई संजय ने लटककर आत्महत्या की थी। प्रमोद की मौत के बाद ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। पुलिस को मौके से खदेड़ दिया। एसीपी सुकन्या शर्मा के सामने ही पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। कई घंटे के बाद उन्होंने शव को तब उतरने दिया जब मुकदमा दर्ज हुआ। होमगार्ड प्रमोद ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा। उन्होंने लिखा हरिओम दरोगा ने मेरे भाई को उठाया। 2 दिन 11 और 12 जून को हवालात में बंद किया। एक लाख हवालात के सामने मांगे गए। फिर दस हजार लेकर 13 जून को छोड़ दिया। ऑफिस में पैसा दिया। 50 हजार की मांग की। पुलिस और हरिओम दरोगा ने प्रताड़ित किया। मेरा भाई संजय फांसी लगाकर मर गया। अब मुझमें क्षमता नहीं है। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे पास फोन आ रहे हैं। आज ही बयान देने आ जाओ। मैंने कहा कल आऊंगा तो कहते हैं नहीं आज ही आ जाओ। इसलिए मेरा दिमाग ठीक नहीं है। सरकार से प्रार्थना है कि मेरे परिवार की तरफ ध्यान दिया जाए। जय माता दी, जय श्री राम। अंत में उन्होंने लिखा मैंने पुलिस से पंगा लेने की भूल की। कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना। बहुत परेशान करते हैं।
मंगलवार को भी गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात रहा। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री व पूर्व विधायक राम प्रताप चौहान, दिगंबर सिंह धाकरे भी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे। प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने प्रमोद की पत्नी और पिता को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिलाया। होमगार्ड कमांडेंट ने भी परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही। प्रोफेसर बघेल ने अधिकारियों से कहा दोषी पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द जेल भेजा जाए।