-गौरव प्रताप सिंह-
आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के एक शीर्ष पूर्व अधिकारी के बारे में एसटीएफ को एक और बात पता चली है। एसटीएफ की जानकारी में आया है कि वह फोन कर कमीशन मांगते थे। किसी व्यक्ति से उन्होंने फोन कर कहा था कि तुम्हारा भुगतान करा दिया है। खाते में 15 प्रतिशत डाल दो। यह व्यक्ति कौन है। इसका पता लगाने में एसटीएफ जुटी हुई है।
पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के खिलाफ लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में कमीशन लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। मुकदमे में दो आरोपी अजय मिश्रा और अजय जैन जेल जा चुके हैं। विनय कुमार पाठक अभी फरार है। एसटीएफ के द्वारा उनके सभी कार्यों की जांच की जा रही है। अब तक कई मामले पकड़ में आ चुके हैं, जिनके उजागर होने के बाद उनका भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है।
सूत्रों के अनुसार एसटीएफ के संज्ञान में आया है कि एक शीर्ष पूर्व अधिकारी ने किसी व्यक्ति से फोन पर कहा था कि तुम्हारा भुगतान करा दिया है। 15 प्रतिशत खाते में डाल दो। यह फोन उस समय किया गया था जब उनके कार्यकाल में करीब पांच करोड़ के भुगतान हुए थे। फोन किसे किया गया है। इस बात की पुष्टि करने के लिए एक अधिकारी से भी पूछताछ की गई। अधिकारी ने बताया कि साहब फोन तो मेरे सामने ही किया था और यही कहा था जो आपकी जानकारी में आया है, लेकिन वह व्यक्ति कौन था यह मैं भी नहीं जानता हूं, लेकिन हैरान मैं भी हो गया था कि यह तो फोन पर ही सीधे पैसे मांगते हैं।
वर्तमान कुलपति ने किया सुरक्षा एजेंसी का 14 लाख रुपए का भुगतान
आगरा। पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के द्वारा हिंद सिक्योरिटी एजेंसी का अपने समय में अनुबंध किया गया था, उसका भुगतान रुका हुआ है। बताया जा रहा है कि 85 में से 10 से 12 ही पूर्व सैनिक सुरक्षा गार्ड के रूप में रखते हैं। अन्य सभी सामान्य लोग हैं। फिर भी उसका 14 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया है। विश्वविद्यालय एक साल में इनके ऊपर डेढ़ से दो करोड रुपए खर्च करता है। इसमें भी एसटीएफ को कमीशन का खेल होने की आशंका है।