ऋषि चौहान
एटा। कल शाम तक चुनाव प्रचार थमने से पहले शोर था, भीड़ थी। कोलाहल था नारे थे। एक दूसरे को पीछे छोड़ने का जुनून था, लेकिन अब पूरी तरह सन्नाटा है। इस माहौल को देखकर बरबस ही याद आता है वह संवाद इतना सन्नाटा क्यों है भाई…..
एटा और कासगंज की 7 विधानसभा सीटों के लिए कल रविवार को सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक मतदान होगा। इन दोनों जिले के 23,15,675 मतदाता 2889 मत देय स्थलों पर मतदान करेंगे। क्योंकि एटा और कासगंज दोनों क्षेत्रों के एटा अलीगंज सहित कई विधानसभा क्षेत्र अतिसंवेदनशील हैं। इसलिए मतदान संगीनों के साए में होगा। हर बूथ पर ससस्त्र अर्धसैनिक बल तैनात होंगे।
एटा के बारे में वैसे भी प्रचलित है एटा का बुरा लपेटा ना बाप बचे ना बेटा। इसी तर्ज पर बूथ कैपचरिंग और बंदूकों के बल पर मतदान के फैसले होते रहे हैं। इसलिए शासन और प्रशासन बेहद चौकन्ना है। इतने सन्नाटे के बीच हार से डरे हुए प्रत्याशी मतदान से पहले अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई साड़ी बांट रहा है तो कोई नोट।
सरकार तमाम योजनाओं के जरिए राशन सम्मान निधि सहित तमाम सुविधाएं मतदाताओं को बांट रही है। इसी तर्ज पर प्रत्याशी भी मतदाताओं को उनका वोट पाने के लिए तमाम सुविधाएं बांट रहे हैं चोरी चोरी चुपके।
चुपके कत्ल की रात में चुनाव आयोग की पाबंदियों के बीच नोट बांटने का चलन भी देखा जा रहा है।
दोनों जिलों में 2889 पोलिंग पार्टियां मध्य स्थलों पर पहुंच चुकी है। इसी के साथ मतदान के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस बार नया ट्रेंड देखने में आ रहा है सुदूर शहरों में नौकरी कर रहे लोगों को मतदान के लिए बुलाया जा रहा है। ताकि प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित हो सके पार्टियां और प्रत्याशी इसके लिए पूरी दम लगाए हुए हैं।