आगरा। हरीपर्वत थाने में मंगलवार को एक युवक पहुंचा, उसने अपने को दरोगा बताया। दरोगा को थाने में बंद एक आरोपी को छोड़ने के लिए 92 हजार रुपये रिश्वत दी। आरोपी पर शक होने पर पता चला कि वह फर्जी दरोगा है, उसके बाद असली दरोगा ने उसे पकड़ लिया।
इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि थाने में दिन में दरोगा निशामक त्यागी बैठे हुए थे। दरोगा के पास में एक युवक आया उसने अपना नाम रफीक चौहान बताया और कहा कि मैं यूपी पुलिस में दरोगा हूं। इसके बाद उसने निशामक त्यागी को अपना आई कार्ड भी दिखाया। आईकार्ड पर पीएनओ अंकित नहीं था। इधर युवक ने दरोगा निशामक त्यागी से कहा कि मुझे एमएम गेट के पार्षद प्रवीण पटेल ने भेजा है। मैं थाने में बंद राजकुमार जो नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया है, उसे छुड़ाने के लिए आया हूं इसके साथ ही अजय गोयल और अज्जू लंगड़े का नाम भी मुकदमे से निकलवाना है। एडवांस के तौर पर यह 92 हजार रुपए दे रहा हूं। दरोगा निशामक को उसके फर्जी दरोगा होने पर शक हो गया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम उजैर खान बताया। आरोपी ने बताया कि वह आईकार्ड से अपने आप को दरोगा बता कर दलाली का काम करता है।