आगरा। हरीपर्वत थाना पुलिस ने जिस फर्जी दरोगा को जेल भेजा है वह एक थानाध्यक्ष का बहुत खास था। सूत्रों का कहना है कि वह थानाध्यक्ष का कारखास बनकर रहता था। इस थानाध्यक्ष की पुलिस कमिश्नर के पास भी दलालों को बैठाने की शिकायतें थीं। समाधान दिवस में पुलिस कमिश्नर ने थानाध्यक्ष को चेतावनी भी दी थी लेकिन उन पर कोई असर नहीं पड़ा था।
हरीपर्वत थाने में एक व्यक्ति नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया था, उसे छुड़ाने के लिए उजैर खान नाम का व्यक्ति पहुंचा। अपने को उसने यूपी पुलिस का दरोगा बताया। व्यक्ति के पास में फर्जी आईकार्ड भी था। इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने उसे जेल भेज दिया है। उजैर खान के जेल जाने के बाद विभाग में तरह-तरह की चर्चाओं को दौर है। शहर के एक थाने के थानाध्यक्ष के साथ उजैर की नजदीकियां चर्चाओं में हैं। पुलिस कर्मियों का कहना है कि उजैर खान थानाध्यक्ष का कारखास बनकर रहता था। जब वह देहात के थाने में थानाध्यक्ष थे तब भी वह उनका कारखास था, उनकी गाड़ी चलाने के साथ लेनदेन के सभी मामले वही देखता था।
कई थानों का बहुत बुरा हाल दलालों का जमावड़ा
आगरा। कई थाने ऐसे हैं जहां बहुत बुरा हाल है। वहां इंस्पेक्टरों के इर्द गिर्द दलालों के रहने के कारण पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं होती। रोजाना में पुलिस कमिश्नर कार्यालय में भी पीड़ित पहुंचकर शिकायत कर रहे हैं कि थाने में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक विधायक के द्वारा भी अपने विधानसभा क्षेत्र के एक इंस्पेक्टर की पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को इंस्पेक्टर को माफिया द्वारा माला पहनाने के फोटो दिखाए गए। जिस इंस्पेक्टर के फोटो दिखाई गई हैं वे अपने जोन में भ्रष्टाचार के लिए बहुत प्रसिद्ध भी हैं। हरीपर्वत सर्कल के एक थाने का भी बहुत बुरा हाल है। वहां दो दलालों ने पूरे तरीके से कैप्चर कर रखा है।