आगरा। पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने बसपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती को जो पत्र लिखा है। वह अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर भी पोस्ट किया है। पूर्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि बसपा काशीराम के सिद्धांतों और आदर्शों से भटक गई है। इसलिए वह बसपा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। इधर लोगों की निगाहें अब यह देखने के लिए टिकी हुई हैं कि वह समाजवादी पार्टी ज्वाइन करेंगे या भाजपा।
रामवीर उपाध्याय की आगरा और अलीगढ़ मंडल में ब्राह्मण वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती हैं। वह बसपा सरकार में उर्जा मंत्री भी रहे हैं। पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बाद कद्दावर नेताओं में उनका नाम दूसरे नंबर पर आता था। आज उन्होंने अपनी फेसबुक पर बसपा सुप्रीमो को लिखे पत्र को पोस्ट किया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह बसपा से वर्ष 1996 से जुड़े थे। 2007 में बसपा की सरकार बनाने में सहयोग किया। सत्ता में रहने के बावजूद 2009 के लोकसभा चुनाव, 2012 विधानसभा चुनाव, 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद के अनुसार सीट नहीं जीत पाई। फिर भी पार्टी ने कोई समीक्षा नहीं की। हार के कारण बताने पर उन्हें उल्टा पार्टी से निलंबित कर दिया गया। आज बसपा काशीराम साहब के सिद्धांतों और आदर्शों से भटक गई हैं। चर्चाएं हैं कि इस बार सादाबाद से वह अपने बेटे को मैदान में उतार सकते हैं। रामवीर उपाध्याय भाजपा में जाएंगे या समाजवादी पार्टी में यह देखने के लिए सभी उतावले हैं।