आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति सहित चार लोग आज लखनऊ में पूछताछ के लिए और बयान दर्ज कराने के लिए गए हैं। दो लोग अभी नहीं गए हैं। वह बाद में जाएंगे।
बता दें कि पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में कई घोटाले और फर्जीवाड़े हुए। एसटीएफ इन सभी घोटाले और फर्जीवाड़ों की जांच कर रही है। तीन लोगों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भी भेजा जा चुका है। इधर पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के बड़े-बड़े कारनामों को देखकर सरकार ने सीबीआई जांच की स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार से मांग की है। सीबीआई जांच शुरू होने की बात सुनकर ही विश्वविद्यालय में खलबली मच गई है। क्योंकि सीबीआई बहुत बारीकी से जांच करती है। विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के जो जो लोग खास रहे हैं उन्हें सबसे ज्यादा डर सता रहा है। एक बड़े अधिकारी को भी डर है। क्योंकि इनकी नियुक्ति कराने में बड़ी डील होने की चर्चाएं थी। हालांकि एसटीएफ को इस बात की जानकारी है कि वह पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के बहुत नजदीक हैं और उनके फैसलों को सही ठहराने में प्रयासरत हैं। इधर सूत्रों की मानें तो एसटीएफ के द्वारा प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा, कुलसचिव के पीए सरीन, कंप्यूटर विभाग के राजीव कपिल, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, सहायक कुलसचिव ममता सिंह और गणित विभाग के प्रोफेसर संजीव कुमार को बुलाया था। सहायक कुलसचिव ममता सिंह छुट्टी पर हैं। इस वजह से वह नहीं गई हैं। प्रोफेसर संजीव कुमार किसी व्यक्तिगत परेशानी से अभी नहीं गए हैं। वह दो-तीन दिन बाद जाएंगे।