आगरा। हरीपर्वत थाने में तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिसकर्मियों के बीच में खलबली मच गई है।
रोबिन ओबरॉय ने एसएसपी को की गई अपनी शिकायत में कहा था कि क्रेटा कार लेने के लिए उन्होंने सात मई 2022 को 14 लाख 90 हजार रुपये का फाइनेंस कराया था। नौ मई को उन्होंने कार की डिलीवरी ले ली थी। चार जुलाई को दोपहर में उन्हें पीयूष मल्होत्रा निवासी जगदीशपुरा के दोस्त ने फोन कर शाह मार्केट स्थित एमएस मोबिल ऑयल नाम की अपनी दुकान पर बुलाया। वहां पर पियूष मल्होत्रा उनकी क्रेटा कार को टेस्ट ड्राइव करने के बहाने एमजी रोड पर ले गए। यहां से वह कार को नेहरू नगर पुलिस चौकी लेकर पहुंच गए। वहां अपने भाई चिक्की को भी बुला लिया। थोड़ी देर बाद पीयूष कुछ कागज लेकर अपने मित्र गौतम को लेकर आए। गौतम ने खुद को नेहरू नगर पुलिस चौकी पर तैनात बताया और उनके पास पिस्टल भी थी। वह तीनों उन्हें गाड़ी में लेकर अंदर बैठ गए। इसके बाद सिविल में दो पुलिसकर्मियों को और बुला लिया। गौतम पर आरोप है कि उन्होंने पिस्टल दिखाकर टाइप हुए कागज पर चुपचाप हस्ताक्षर करने के लिए कहा। पियूष ने कहा कि हमसे ब्याज पर पैसा लेने की जगह तुम ने बैंक से फाइनेंस कराया है उसका दंड तुमसे वसूलना है। पियूष ने कहा कि जब मैंने तुमसे कहा था जब कोई नई कार लो तो मुझसे ब्याज पर पैसा लेना, फिर तुमने फाइनेंस क्यों कराया। हमसे फाइनेंस न कराकर बैंक से कराया है। इसकी सजा तुम्हें भुगतनी पड़ेगी। वही उसने यह धमकी भी दी कि अपनी पत्नी को घर जाकर यह बताना कि 6 लाख रुपए में कार गिरवी रख दी है। मैंने पियूष से ब्याज पर कुछ पैसे उधार लिए थे दे नहीं पाया इसलिए कार गिरवी रख दी। पुलिस ने धोखाधड़ी से और जबरन मुझसे हस्ताक्षर करा लिए। हरीपर्वत थाने में पियूष मल्होत्रा, आरके मल्होत्रा, निशी मल्होत्रा, पुलिसकर्मी गौतम दो अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है।