आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में सात दिवसीय विज्ञान प्रसार महोत्सव का आयोजन चल रहा है। बुधवार को आयोजन के चौथे दिन प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा और डॉ. यूवी विश्नोई ने छात्रों का मार्गदर्शन किया
डॉ. यूवी विश्नोई ने Society 5.0 पर बताते हुए छात्रों को अपने समाज में रोबोटिक्स और ऑटोमेशन का महत्व बताया। भविष्य में समाज में इन टेक्नोलॉजी द्वारा कैसे बदलाव किया जाएगा, यह जानकारी दी। रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के जानकारी देते हुए कहा की आने वाला समय इनका ही है।
प्रोफेसर अजय तनेजा ने एयर प्रदूषण और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया। प्रोफेसर तनेजा ने बताया कि लोग कोविड से तो डर रहे थे परंतु एयर क्वालिटी भी बड़ा मुद्दा था और आज भी है। आजकल किचन स्मोक, चूल्हा से होने वाले प्रदूषण, लकड़ी के जलने पर होने वाला प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या है। आगे उन्होंने ये भी बताया कि चूल्हा एक टॉक्सिक बेस फैक्ट्री है। चूल्हा जलाने से परहेज करना चाहिए, उन्होंने बताया कंडे जलाने पर लकड़ी जलाने से आपकी सेहत तथा पड़ोसी व अन्य सभी की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। एक किलो लकड़ी में 15 प्रतिशत नमी होती है। आगरा जैसे शहर में प्रदूषण बड़ी समस्या बनती जा रही है। पूजा की सामग्री जलाने से भी कुछ मात्रा में प्रदूषण होता है। अभी तक के परिणामों से यह सिद्ध होता है कि हवन में भी कार्बन उत्सर्जन होता है, जिसका सेहत पर दुष्प्रभाव भी पड़ता है।
प्रोफेसर तनेजा ने बताया कि रसायनों से बचने के उपाय ढूंढने चाहिए। आज के समय में ताजमहल को भी मुल्तानी मिट्टी से साफ किया जाता है। सन 2024 तक पीएम 2.5 AQI से प्रभावित 122 शहरों को प्रदूषण से बचाने की भारत सरकार की एक योजना है, जिसमें आगरा भी शामिल है। अब ग्रामीण परिवेश में भी प्रदूषण की मॉनिटरिंग की जा रही है। डीन एकेडमिक प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि सात दिवसीय कार्यक्रम में छात्र बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।