आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 87 वां दीक्षांत समारोह आज खंदारी परिसर में मनाया गया। समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और चिदानंद सरस्वती महाराज मौजूद रहे। दोनों ही अतिथि ने दीक्षांत समारोह में 169 मेधावियों को पदक प्रदान किए। केडी कॉलेज की प्रिया को सर्वाधिक सात मेडल दिए गए। सात मेडल पाने के बाद प्रिया का चेहरा खुशी से खिला हुआ था। अलीगढ़ के एसबी कॉलेज की दिव्या शर्मा को भी पांच मेडल मिले।
दीक्षांत समारोह में 1,18,743 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दी गईं। इनमें 1,17,866 कॉलेजों के और 877 आवासीय विंग के छात्र-छात्राएं थे। दीक्षांत समारोह में 129 स्वर्ण पदक और 40 रजत पदकों का वितरण हुआ। समारोह में पहली बार पीएचडी और डीलिट के छात्रों को मंच पर बुलाकर डिग्री दी गई।
मुख्य अतिथि चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि, इस विवि ने दो राष्ट्रपति, तीन पीएम और सुरक्षा सलाहकार दिए हैं।

उन्होंने कही कि जब से पीएम मोदी ने देश को संभाला है, तब से दुनिया के सबसे अहम पीएम हैं। छात्रों से उन्होंने कहा कि जीवन को मॉडन बनाओ, लेकिन जीवन उन्हीं का मॉडन बनता है जो समाज के लिए जीते हैं। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि एक है धन कमाना और एक है धर्म कमाना। धर्म जीवन की मस्ती देता है। जिसकी मस्ती जिंदा है, उसकी हस्ती जिंदा है। बाकी सब जबरदस्ती जिंदा हैं। देश विश्व गुरू बनने जा रहा है। यह भी उन्होंने अपने उदबोधन में कहा।
इसके बाद कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने उदबोधन में कहा कि, जब मैं पढ़ती थी तब एक क्लास में एक भी लड़की नहीं होती थी। बेटियां आज आगे बढ़ रही हैं।

यहां पर 70% से ज्यादा मेडल बेटियों के नाम रहे हैं। बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे हैं। लड़ाकू विमान भी बेटियां उड़ा रही हैं। कुलाधिपति ने शिक्षक और स्टूडेंट्स को कुछ नसीहत भी दीं। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का माहौल बदलें। सभी अपनी जिम्मेदारी समझें, तभी विश्वविद्यालय ऊंचाई छुएगा। सभी समय से कालेज जाएं। स्टूडेंट्स को पढ़ाएं। मजदूरों का मजदूर दिवस पर सम्मान करें। जल संचय करें। ऊर्जा का संचय करें। इसके साथ ही छात्रों से कहा कि वह जीवन में जहां भी जाएं। पूरी संवेदना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें। कुलाधिपति ने एकता यात्रा का उल्लेख करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि युवा राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण कड़ी है। कुलाधिपति ने कश्मीरी फाइल्स का जिक्र भी किया, उन्होंने कहा कि कश्मीर में महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार होता था। ऐसे ही वे लोग अपना घर छोड़कर नहीं आए थे। आतंकियों ने कहा था कि लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहरने देंगे। इसके बाद एकता यात्रा निकाली गई। एकता यात्रा में गुजरात से मैं अकेली महिला थी।
इन मेधावियों को मिले पदक
– सात स्वर्ण: प्रिया, केडी मेडिकल कॉलेज मथुरा
– पांच स्वर्ण: दिव्या शर्मा, एसबी कॉलेज अलीगढ़
– चार स्वर्ण: कुमारी पूजा, पीसी बागला कॉलेज हाथरस
– चार स्वर्ण: ज्योति वर्मा एमएस डब्ल्यू इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, विवि
– तीन स्वर्ण: युसरा अबू हुरेरा गर्ल्स कॉलेज, रेनू यादव महात्मा गांधी गर्ल्स पीजी कॉलेज फिरोजाबाद, मुकुल सेन सेंट जोंस कॉलेज, कुमारी निक्की, टीकाराम कन्या महाविद्यालय अलीगढ़, आयुषी भारद्वाज श्रीमती शारदा जौहरी नगर पालिका कन्या महाविद्यालय एटा।
इन इमारतों का लोकार्पण

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन, छत्रपति शिवाजी मंडपम, वनव्यू सॉफ्टवेयर, जिओ टैगिंग, डिजीलॉकर और कॉल सेंटर का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने अपने उदबोधन में यह भी कहा कि कैंपस को ग्रीन करें। इस पर सभागार में बैठे कुछ लोग आपस में बोले कि इस शिवाजी मंडल को बनवाने के लिए पूर्व कुलपति डॉ. अरविंद दीक्षित ने कई पेड़ कटवा दिए थे। कुलाधिपति को तो इस बात की जानकारी भी नहीं होगी। अगर हो जाए तो पूर्व कुलपति पर कार्रवाई हो जाएगी।
दृष्टिबाधित को मिला मेडल

समारोह में सोनम चौधरी को मेडल मिला। वह दृष्टि वाधित हैं। सोनम को मेडल मिलने पर उनके पिता योगेंद्र सिंह और मां मीना देवी की खुशी का ठिकाना नहीं है। वह बोले कि यह बेटी नहीं बेटा है। सोनम ने बताया कि वह आईएएस की तैयारी कर रही हैं।
समारोह में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा, कुलसचिव संजीव कुमार सिंह, वित्ताधिकारी एके सिंह, परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण, सहायक कुलसचिव अजय गौतम, पवन कुमार, कैलाश विंद, अनूप केशरवानी, प्रो. सुगम आनंद, प्रो. संजीव कुमार, प्रो. ब्रजेश रावत, प्रो. लवकुश मिश्रा, प्रो. वीके सारस्वत, प्रो. विनीता सिंह, प्रो. मनोज श्रीवास्तव, प्रो. संतोष बिहारी शर्मा, प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. संजय चौधरी, प्रो. वीपी सिंह, प्रो. शरद उपाध्याय, प्रो. मनोज उपाध्याय, प्रो. अनिल वर्मा, प्रोफेसर रनवीर सिंह, प्रो. पीके सिंह, प्रो. अनिल गुप्ता, डॉ. बीडी शुक्ला, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. रीता निगम, डॉ रश्मि शर्मा कर्मचारी नेता डॉ. आनंद टाइटलर, अरविंद गुप्ता आदि मौजूद रहे।
डीईआई की प्रदर्शनी का किया अवलोकन और खेतों को निहारा

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल दयालबाग में भी गईं। खेतों में चिलचिलाती धूप में खेत काटता महिलाओं को देख राज्यपाल ने उनका साहस बढ़ाया। दयालबाग में बन रहे उत्पादों को उन्होंने प्रदर्शनी के माध्यम से देखा। इस दौरान उनके साथ डीईआई के निदेशक प्रोफेसर पीके कालरा, जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह, डॉक्टर अरुण दीक्षित आदि मौजूद रहे। दयालबाग जाने से पहले वह आरबीएस में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के सम्मेलन में भी गईं।