आगरा। पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड हर मीटिंग में एसीपी और थाना प्रभारी को लगातार यही बोल रहे हैं कि पीड़ित की एक बार में सुनवाई की जाए, लेकिन थाना और चौकी पुलिस है कि वह पुलिस कमिश्नर के आदेश को हल्के में ले रही है। आलम यह है कि सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद लूट तक का मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़ित को फुटबॉल बनना पड़ रहा है। ताजा मामला सिकंदरा थाने का आया है। यहां एक पीड़ित को अपनी पत्नी के मंगलसूत्र लूट का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तत्कालीन चौकी प्रभारी शास्त्रीपुरम अजय जायसवाल की कई बार परिक्रमा लगानी पड़ी। फिर भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। उनके चौकी से जाने के बाद मंगलवार को बड़ी मुश्किल से मुकदमा दर्ज हो चुका है। मुकदमा दर्ज होने पर पीड़ित के द्वारा मंदिर में प्रसाद चढ़ाया जा रहा है।
इटावा में बलरई गांव के मनीष मानवेंद्र सिंह परिवार के साथ आवास विकास कालोनी सेक्टर पांच में रहते हैं। वह प्रधान भी हैं। मनीष ने बताया कि 11 अप्रैल को डेढ़ साल की बेटी की तबीयत खराब हो गई। पत्नी विनीता रात 8:30 बजे देवरानी रश्मि के साथ बेटी प्रमन्वी और बेटे प्रबुद्ध को लेकर कारगिल चौराहे से दवा लेने जा रही थीं। वाहन की तलाश में वे लक्ष्मी पैलेस के सामने पहुंचीं। पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने झपट्टा मार कर गले से मंगलसूत्र लूट लिया। बेटी गोद से गिरने से बाल-बाल बची। 112 पर उन्होंने घटना की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। घटना सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हो गई थी। अगले दिन मनीष पत्नी को साथ लेकर शास्त्रीपुरम पुलिस चौकी पहुंचे। वहां तत्कालीन चौकी प्रभारी अजय जायसवाल को तहरीर दे दी। चौकी प्रभारी ने आरोपितों को पकड़कर लूटा मंगलसूत्र दिलाने का वायदा किया था। इसके बाद वह लगातार थाना और चौकी के चक्कर लगाते रहे। चौकी प्रभारी का हाल ही में संजय प्लेस चौकी प्रभारी के रूप में ट्रांसफर हो गया पर कार्रवाई नहीं हुई। मनीष ने बताया कि वे आठ बार पुलिस चौकी में जाकर चौकी प्रभारी अजय जायसवाल से मिले थे और पांच बार थाने में। थाने में उनसे पांच बार तहरीर की कापी ले ली गई। इसके बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।रविवार को सब्र का बांध टूटने पर उन्होंने पुलिस आयुक्त जे.रविन्दर गौड से शिकायत की। इसके बाद सोमवार रात को सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
लूट का मुकदमा दर्ज नहीं करने वाले को दोबारा से मिली चौकी
लूट का मुकदमा दर्ज कराने के लिए जिस चौकी प्रभारी अजय जायसवाल से पीड़ित और उनकी पत्नी आठ बार मिले थे, उन्हें फिर से अच्छी चौकी मिल गई है। अब वह संजय प्लेस चौकी पर आ गए हैं। अधिकारियों को इस बात की समीक्षा करनी चाहिए।