डीएलए ब्यूरो
फिरोजाबाद। जिले की पांच विधानसभा सीटों पर वोटों के ध्रुवीकरण की बिसात बिछना शुरू हो गई है। मुस्लिम, दलित, ब्राह्मण, वैश्य वोटों के साथ पिछड़ा वर्ग के वोट पर सभी दल अपने-अपने तरीके से गोलबंदी कर रहे हैं।
*सदर सीट*
फ़िरोज़ाबाद की सदर सीट पर मुस्लिम और वैश्य मतदाता बड़ी भूमिका में जरूर हैं, लेकिन हार-जीत की कुंजी पिछड़ा वर्ग के वोटरों के पास है। मुस्लिम वोटों में इस बार बिखराब की स्थित है। सपा और बसपा से दो दोस्त आमने-सामने हैं। सपा से छुट्टन भाई और बसपा से अजीमभाई की पत्नी शाज़िया चुनाव मैदान में हैं। दोनों के बीच मुस्लिम वोटों को लेकर जंग छिड़ी है। इसका लाभ लेने की कोशिश करते हुए भाजपा चुनावी बिसात बिछाए हुए है। वैश्य समाज के वोट पर भाजपा सियासी हक जता रही है। लेकिन पिछड़ा वर्ग के वोट के बिना राह मुश्किल है। शायद इसलिये बीजेपी के प्रत्याशी मनीष असीजा और उनकी एक टीम इस वर्ग के वोट पर फोकस किए हुए है। सदर सीट पर भाजपा, सपा और बसपा के बीच वोटों के ध्रुवीकरण की जंग छिड़ी है।
*टूंडला सीट*
टूंडला सीट पर दलित और बघेल वोटों पर हार-जीत का दांव लगता रहा है, लेकिन जाट, मुस्लिम, वैश्य, ब्राह्मण वोटों का रुख ही विधायक फाइनल करता है। भाजपा के प्रेमपाल सिंह धनगर और सपा के राकेश बाबू आमने सामने हैं लेकिन बसपा अपने पम्परागत वोट को मजबूती से पकड़े हुई है।
*शिकोहाबाद सीट*
शिकोहाबाद सीट पर निषाद वोटों की गोलबंदी का खेल चल रहा है। यहाँ से यूपी के कद्दावर नेता रहे रघुवर दयाल वर्मा के नाती ओमप्रकाश वर्मा भाजपा के प्रत्याशी हैं वहीं सपा ने भाजपा को छोड़कर आए डॉ मुकेश वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। बसपा से डॉ अनिल यादव प्रत्याशी हैं। निषाद वोटों के बिखराव पर बसपा की नजर है।
*जसराना सीट*
यादव और लोधों के गढ़ जसराना में इस बार जंग रोचक है। यहाँ से भाजपा ने रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी का टिकट काट कर भाजपा के जिलाध्यक्ष मानवेन्द्र लोधी को टिकट दिया है। सपा ने इंजीनियर सचिन यादव को उतारा है। सचिन पूर्व विधायक रामवीर यादव के भतीजे हैं। लेकिन रामवीर यादव के साथ पारिवारिक मनमुटाव दूर करने की चुनौती उनके सामने है।
*सिरसागंज सीट*
सिरसागंज सीट पर इस बार यादव वोटों को लेकर बड़ा घमासान है। भाजपा से मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव हैं तो सपा से सर्वेश यादव है। सर्वेश यादव के खुद सपा के एक राष्ट्रीय नेता जिले में ही कैंप किए हुए है।