आगरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के लीगल एड क्लीनिक द्वारा आगरा जोन के आसपास के जिलों की विधि छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है। शुक्रवार से शुरू हुए इस इंटर्नशिप कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों और विधि विशेषज्ञों द्वारा उन्हें विभिन्न पहलुओं से जागरूक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्र इस बात की जानकारी ले रहे हैं कि वह अधिवक्ता बनने के बाद गरीब, निर्धन और आम आदमी की किस प्रकार मदद कर सकते हैं। वहीं न्याय दिलाने की क्या प्रक्रिया है।
शुक्रवार को इंटर्नशिप कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी जिला जज राजेंद्र प्रसाद, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दिव्यानंद द्विवेदी, प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा, यूनिवर्सिटी के लीगल एड क्लीनिक के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अरुण कुमार दीक्षित, आईटीएचएम के निदेशक प्रोफेसर लवकुश मिश्रा द्वारा किया गया।

प्रभारी जिला जज राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि आप 10 दिन तक इस इंटर्नशिप कार्यक्रम में लाभान्वित होंगे। यहां आपको समाज के उन विभिन्न पहलुओं को बताया जाएगा जिनसे आपको जागरूक होना आवश्यक है। विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दिव्यानंद द्विवेदी ने विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों बारे में बताया। लीगल एड क्लीनिक के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि परामर्श और कानूनी सलाह की प्रकृति में निःशुल्क और सक्षम कानूनी सहायता प्रदान करना, न्यायालयों और न्यायाधिकरणों के समक्ष मामलों के संचालन में निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करना, सभी प्रकार के लम्बित प्रकरणों के लिए प्रत्येक माह नियमित लोक अदालतों का आयोजन करना और विशेष श्रेणी के मामलों के लिए विशेष लोक अदालतों का आयोजन करना, लोक अदालतें शुल्क और विलम्ब को सीमित करती हैं और कानूनी तकनीक पर काबू पाते हुए त्वरित न्याय सुनिश्चित करती हैं।
जनता के बीच कानूनी जागरूकता फैलाना, विशेष रूप से कानूनी महत्व के विभिन्न मुद्दों पर सामाजिक विधानों के लाभार्थियों और बड़े पैमाने पर जनता को लक्षित करना, जिन विचाराधीन कैदियों के मामले अदालतों में लंबित हैं, उन्हें निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए प्रयास करना, देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले महिलाओं और बच्चों के लिए कॉलेजों, जेलों और कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों में कानूनी साक्षरता कक्षाएं आयोजित करना है। उन्होंने विधि छात्रों से यह भी कहा कि आजकल साइबर क्राइम बहुत बढ़ गया है। आप समाज को जागरूक करने का काम करें। इससे कैसे बचा जा सकता है। प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने बताया कि लोकतंत्र के चार स्तंभ में न्यायपालिका, कार्यपालिका विधायिका और मीडिया। इसमें न्यायपालिका सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण योगदान है। हर व्यक्ति न्यायपालिका पर भरोसा करता है। उन्होंने प्राचीन काल में न्यायपालिका पद्धति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस इंटर्नशिप कार्यक्रम में जो विधि छात्र आए हैं। वह भविष्य में बड़े अधिवक्ता, न्यायाधीश बनेंगे। मैं अपेक्षा करता हूं वह सच्चाई के साथ रहेंगे और निर्धन, असहाय और जरूरतमंदों को न्याय दिलाएंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रमिला शर्मा ने किया। कार्यक्रम में सहायक कुल सचिव अनूप केशरवानी, प्रोफेसर बीडी शुक्ला, प्रोफेसर शुगम आनंद, मीडिया समन्वयक गौरव प्रताप सिंह, जितेंद्र कुमार, ललित शर्मा आदि शामिल रहे।
