आगरा। शनिवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। कहीं खिचड़ी भोज तो कहीं गुड़ तिल की मिठाईयां बांटी गई। कुछ लोगों ने कंबल वितरित भी किए।
आम आदमी पार्टी के तत्वावधान में करकुंज के समीप स्थित शनि मंदिर पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में ब्रज प्रान्त अध्यक्ष डॉ. हृदेश चौधरी ने मंदिर में भोग लगाकर भोज का शुभारंभ किया और कहा कि मकर संक्रांति पर्व सामाजिक समरसता का संदेश देता है। ब्रज प्रान्त कोषाध्यक्ष गौरव राय ने जहां सभी व्यवस्थाओं को संभाला वहीं मकर संक्रांति के विषय पर भी प्रकाश डाला।
इधर मकर संक्रांति पर यमुना की तलहटी में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया। शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और लायंस क्लब के इंटरनेशनल डायरेक्टर जितेंद्र चौहान द्वारा किया गया। जुगल श्रोत्रिय ने व्यवस्थाएं संभाली। भाजपा नेता प्रमोद गुप्ता, पार्षद सुषमा जैन मौजूद रहे। वहीं दूसरी ओर श्री गिरिराज जी सेवा मण्डल परिवार द्वारा मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रावतपाड़ा चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में सभी श्रद्धालुओं को संक्रांति के उपलक्ष्य में खिचड़ी वितरित की। संस्थापक नितेश अग्रवाल ने मकर संक्रांति पर्व पर दान पुण्य का महत्व बताया। मयंक अग्रवाल, रविन्द्र गोयल, अजय सिंघल, मनोज गुप्ता मौजूद रहे। मकर संक्रांति पर हनुमान नगर में भाजपा नेता महेंद्र सिंह सिकरवार के नेतृत्व में लोगों को कंबल वितरित किए गए। इस दौरान विधायक धर्मपाल सिंह, आरएसएस के मुकेश जी, राम दत्त शर्मा, डब्बू पंडित, अजय जयसवाल, जितेंद्र वर्मा सुरेश जादौन, सत्यपाल भदोरिया, सोनू सिकरवार आदि शामिल रहे।।
वैसे संक्रांति का पुण्यकाल रविवार को बताया जा रहा है। इस संबंध में कुछ कर्मकाण्ड प्रशिक्षकों का कहना है कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश आज दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर हुआ और रविवार को पूरे दिन रहेगा। ऐसे में संक्रांति का पुण्यकाल कल शाम तक रहेगा।
वहीं कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है शनिवार की रात्रि 8:43 बजे से मकर राशि में सूर्य देव के प्रवेश करने से इस पर्व का प्रारंभ हुआ है। इसलिए रविवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाना बहुत शुभ रहेगा। इस दिन स्नान, दान और पूजा पाठ के लिए पुण्य काल सुबह सात बजे शुरू होगा जो कि शाम 6 बजे तक रहेगा। त्योहारों की तिथि तय करने वाले ग्रंथ धर्मसिंधु और निर्णय सिंधु में भी इस बात का जिक्र है कि सूर्यास्त होने के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो अगले दिन पर्व मनाते हुए स्नान, दान और पूजा करनी चाहिए। इस साल ऐसी स्थिति बन रही है। 14 जनवरी की शाम तक सूर्य देव धनु राशि में रहेंगे। तब तक खरमास रहेगा। इसके बाद 15 जनवरी से खरमास समाप्ति के साथ सभी तरह के शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
क्या है महत्व ?
मकर संक्रांति पर्व का पूरे देश में विशेष महत्व है। यह साल की शुरुआत में पहला ऐसा पर्व है जो पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। इस पर्व के शुरू होने के साथ ही पूरा देश एक जुट नजर आता है। फिर चाहे इस पर्व के नाम अलग-अलग ही क्यों न हो।
दान का विशेष महत्व
हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के बाद दान का विशेष महत्व होता है। स्नान के बाद श्रद्धालु गंगाजल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दे घाट के किनारे ही पूजा-अर्चना कर यथाशक्ति तिल, गुड़, चावल व खिचड़ी इत्यादि का दान पुन कर रहे हैं।