ऋषि चौहान
एटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 फरवरी को जिले के पटियाली तहसील मुख्यालय पटियाली में शाम 3:00 बजे हीरा नगला के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। मुस्लिम बाहुल्य पटियाली में तहसील मुख्यालय पर उनकी सभा इतने पिछड़े क्षेत्र में क्यों रखी गई है। यह सवाल यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने के बाद भाजपा विधायक ममतेश शाक्य पर उनके पाले में जाने का काफी दबाव था। ममतेश ने उस दौर में स्वामी प्रसाद मौर्या का साथ न देकर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य का साथ दिया, जिसका इनाम है कि प्रधानमंत्री मोदी का दौरा पटियाली क्षेत्र में उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है। खबर है कि 11 फरवरी को प्रधानमंत्री के साथ मुख्य मंत्री आदित्यनाथ योगी और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य भी पटियाली आएंगे।
एक और बात पटियाली पिछड़ा है। मुस्लिम राजनीति का गढ़ है और बदायूं और फर्रुखाबाद का सीमावर्ती भी। इसलिए पटियाली में बॉर्डर पर जनसभा आयोजित की जा रही है। ताकि संदेश दूर-दूर तक जाए। बदायूं और फर्रुखाबाद में मतदान 14 फरवरी को तो पटियाली और एटा में मतदान 20 फरवरी को होना है। खबर है कि पटियाली आने से पहले प्रधानमंत्री मोदी बरेली में भी जनसभा करेंगे यानी दूसरे और तीसरे चरण को समेट कर प्रधानमंत्री मोदी पिछली भरपाई कर रहे हैं। इसी 9 फरवरी को चुनाव आयोग ने जनसभा की छूट दी थी और 10 फरवरी को मोदी की सभा पटियाली में तय हो गई। क्योंकि 10 फरवरी को पहले चरण का चुनाव है। इसलिए वह तिथि टल गई और अब वह 11 फरवरी को पटियाली आ रहे हैं।
जाहिर है ममतेश को मोदी को चुनाव सभा देने की स्क्रिप्ट स्वामी प्रसाद मौर्या के पार्टी छोड़ने के बाद तय हो गई थी। आजम खान की सिफारिश पर नाहिदा को टिकट मिलने से पटियाली सीट और महत्वपूर्ण हो गई मुस्लिम बाहुल्य सीट पर मोदी के आने का कितना प्रभाव होगा यह 11 फरवरी को होने वाली प्रधानमंत्री की जनसभा ही गवाही देगी।