-गौरव प्रताप सिंह-
आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के खाते में एक और कारनामा जुड़ गया है। ईआरपी सॉफ्टवेयर का काम पूरा नहीं हुआ था और वह 40 लाख का भुगतान कर गए हैं। 76 लाख रुपये का सॉफ्टवेयर खरीदा गया है। यह जानकर सभी हैरान हो जाएंगे।
पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के कारनामों की एसटीएफ के द्वारा जांच की जा रही है। ईआरपी सॉफ्टवेयर की भी वह जांच कर रही है। इस सॉफ्टवेयर के तहत अकाउंट, स्टोर आदि विभाग का डाटा अपलोड होना था। इस सॉफ्टवेयर को पूर्व कुलपति ने 76 लाख रुपए का खरीदा है। जानकारों का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर को विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विभाग के शिक्षक भी बना सकते थे। फिर भी इतना महंगा सॉफ्टवेयर खरीद लिया गया। कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने एसटीएफ को जांच करता देख मामले में विश्वविद्यालय स्तर पर भी एक कमेटी बना दी है। इस बात को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि एसटीएफ जांच कर रही है तो विश्वविद्यालय की समिति क्या जांच करेगी?