आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय में शनिवार को हुई परीक्षा समिति की बैठक में पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के निर्णयों को लेकर हंगामा हुआ। सदस्यों ने कहा कि उन्होंने कई बार परीक्षा समितियों में कई बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन पूर्व कुलपति उनकी बात को नजरअंदाज करते रहे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन मामलों में एसटीएफ जांच चल रही है उसमें सदस्य हाथ नहीं लगाएंगे।
वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में पहली बार परीक्षा समिति की बैठक हुई। इसमें औटा महामंत्री डॉ. भूपेंद्र चिकारा ने कहा कि बीएचएमएस के पुनर्मूल्यांकन मामले में वह कोई भी सहयोग नहीं करेंगे। पुनर्मूल्यांकन का कोई नियम ही नहीं है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुनर्मूल्यांकन करा दिया। इसमें सभी छात्र पास भी कर दिए गए। डॉक्टर भूपेंद्र चिकारा ने यह भी कहा कि पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के कार्यकाल में केंद्रों में जमकर धांधली हुई थी। ऐसे कॉलेज भी केंद्र बना दिए गए थे जहां बिल्कुल मानक पूरे नहीं हो रहे थे। इसके अलावा महामंत्री ने कहा कि पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने कहा था जिन कॉलेजों में सीसीटीवी नहीं चल रहे हैं उनसे 20 हजार रुपये वसूले जाएंगे। वही तीन दिन तक कैमरे नहीं चलने पर चौथे दिन परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी, लेकिन परीक्षा नियंत्रक ओमप्रकाश ने एक भी कॉलेज को परीक्षा निरस्त नहीं की। पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के कई मामलों को परीक्षा समिति ने आज अनुमोदन नहीं दिया। डॉक्टर भूपेंद्र चिकारा ने वर्तमान कुलपति प्रोफेसर आशु रानी से यह भी कहा कि किसी दूसरे को बचाने के चक्कर में हम ना फंस जाएं। इधर कुछ फाइलों पर ओवरराइटिंग के भी मामले संज्ञान में आए हैं। इस मामले में एसटीएफ जांच कर रही है। एसटीएफ को जांच करता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने लीपापोती के लिए समिति बना दी है।