-गौरव प्रताप सिंह-
आगरा। पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक सरकारी आवास के होते हुए होटलों में रुकते थे। इस बात की भी एसटीएफ को जानकारी मिली है। वह यहां क्यों रुकते थे और किनसे मिलते थे? एसटीएफ इस बात की जांच कर रही है।
बता दें कि पूर्व कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के कारनामों की एसटीएफ के द्वारा जांच की जा रही है। अभी तक कई खेल पकड़ में आ चुके हैं तो वहीं कई के एसटीएफ नजदीक पहुंच गई है। प्रो. विनय पाठक की संपत्ति भी खोजी जा रही है। इधर एसटीएफ को जानकारी मिली कि प्रो. पाठक आगरा में आठ महीने कुलपति रहने के दौरान आवास होते हुए भी होटलों में रुकते थे। कमीशन देने वाले एक व्यक्ति ने एसटीएफ को यह जानकारी दी है। साथ ही यह भी बताया है कि वह कानपुर में भी आवास होते हुए होटलों में रुकने चले जाते थे। एसटीएफ को आशंका है कि होटलों में वह डील करने के लिए जाते होंगे।
सूत्रों की मानें तो सोमवार को वह लखनऊ में एक सफेद गाड़ी से घूम रहे थे। प्राइवेट ड्राइवर भी उनके साथ था। सूत्रों का कहना है कि वह गुलिस्ता पार्क में किसी के यहां गए थे। इससे पूर्व वह एमपी में एक मंत्री के यहां गए थे।