आगरा। पुलिस के एक खास मुखबिर ने सिकंदरा थाने के एक दरोगा से एक युवक को बिना किसी जुर्म के पकड़वा लिया। इसके बाद उससे छोड़ने के नाम पर 20 हजार रुपये ले लिए। दरोगा को पुलिस कमिश्नर द्वारा निलंबित कर दिया गया था। मुखबिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही थी। शुक्रवार को जब थाना पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई तो वह बड़ी मुश्किल से पकड़ में आया, उसने अपने घर की महिलाओं को पुलिस के आगे कर दिया।
13 जनवरी को जमील पुत्र रहीसुद्दीन निवासी हरीपर्वत ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी कि चार जनवरी को वह अपने मकान आवास विकास सेक्टर 16 पर थे। वहां पदम प्राइड चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडे आ गए और उन्हें जबरन पकड़कर चौकी ले गए। यहां उनके साथ जमकर मारपीट की। बोले कि मेरे पास तुम्हारा वारंट है। जमील ने कहा कि साहब मेरे खिलाफ तो आज तक मुकदमा ही दर्ज नहीं हुआ तो वारंट कहां से आया। शायद आपको गलत फहमी हो गई है। आपको कोई और पकड़ना था। आपने मुझे पकड़ लिया है। दरोगा ने कहा कि नहीं मैंने सही आदमी पकड़ा है। अगर 50 हजार दे देगा तो तुझे छोड़ दूंगा। जमील ने अपने परिवारीजनों को फोन कर पैसे मंगाए। परिवारीजन 20 हजार लेकर पहुंच गए, जिसके बाद दरोगा ने पैसे लेकर उसे छोड़ दिया। जमील को हाजी गोलू निवासी हरीपर्वत के द्वारा जबरन वसूली के लिए उठवाया गया था। वह पुलिस का खास मुखबिर बताया जाता है। सूत्रों का कहना है कि लोहामंडी सर्किल और हरीपर्वत सर्किल में उसका सिक्का चलता है। इस बार मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे पकड़ा गया है। पुलिसकर्मी जब उसे पकड़ने के लिए पहुंचे तो उसने अपने घर की महिलाओं को आगे कर दिया। बड़ी मुश्किल के बाद पुलिस ने उसे पकड़ा। बताया जा रहा है कि हाजी भोलू का आपराधिक इतिहास भी है। इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद कुमार शाही ने बताया कि हाजी भोलू को गिरफ्तार कर लिया गया है।