आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के हालातों को सुधारने को लेकर बैठक पर बैठक का दौर चल रहा है। सोमवार को भी कुलपति ने शिक्षक और कर्मचारी संघ के साथ विश्वविद्यालय में सुधार को सुझाव मांगे। कुलपति द्वारा की जा रही बैठक पर बैठक विश्वविद्यालय सुधार में कितनी कारगर साबित होगी, यह देखने वाली बात होगी।
सोमवार को कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने शिक्षक और कर्मचारी संघ से कहा कि वर्ष 1990 तक विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी डिग्री और अंकतालिका उनके घर पर प्राप्त होती थी। पिछले 30 वर्षों में समस्याएं बढ़ी हैं, जिन पर हम सभी को एक साथ मिलकर चिंतन करना है। हम सभी को मिलकर समाधान ढूंढना है और विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से सुदृढ़ भी बनाना है।
बैठक में शिक्षकों और कर्मचारियों की भविष्य निधि पर कम मिलने वाले ब्याज के संदर्भ में शिक्षक संघ के महामंत्री प्रोफेसर बीपी सिंह को उत्तर दायित्व सौंपा। कुलपति ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में जिन भवनों अथवा योजनाओं को स्वीकृत किया गया है, उन्हें पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए।
कुलपति ने शिक्षक संघ से यह अपेक्षा की है कि वह विश्वविद्यालय हित में एक रोडमैप तैयार करके दें कि किस प्रकार वह विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रुपए का कोष इकट्ठा कर सकते हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय शिक्षकों को विभिन्न संस्थाओं से प्रोजेक्ट और अन्य प्रकार का अनुदान लाना चाहिए और नए छात्रोपयोगी स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों को चलाने के प्रस्ताव तैयार करने चाहिए।
बैठक में प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा, डीन एकेडमिक प्रो. संजीव कुमार , डीन फैकल्टी प्रो. वीके सारस्वत, जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर, आवासीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. शरद उपाध्याय, महामंत्री प्रो. बीपी सिंह, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी महामंत्री अरविंद गुप्ता आदि उपस्थित रहे।