आगरा/अलीगढ़। राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के रूप में प्रोफेसर चंद्रशेखर ने मंगलवार को चार्ज ले लिया है। चार्ज लेने के बाद उन पर बधाइयों का दौर शुरू हो गया है। कई शिक्षक साथी उन्हें बधाई देने के लिए उनके पास पहुंचे।
14 सितंबर को अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया था। शिलान्यास के बाद वहां कुलपति का इंतजार हो रहा था। डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय से भी कई प्रोफेसर वहां कुलपति बनने के लिए लगे हुए थे, लेकिन किसी के हाथ में बाजी नहीं लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि विभाग के डीन प्रोफेसर चंद्रशेखर को राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया। वह काफी व्यवहार कुशल और सिद्धांत वादी माने जाते हैं। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में उनका नाम दूर-दूर तक बताया जाता है। प्रोफेसर चंद्रशेखर की शिक्षा बीएचयू से हुई है। वह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। वह तीन भाई हैं। दूसरे नंबर के भाई आगरा कॉलेज में विधि विभाग में तैनात हैं। तीसरे भाई बेसिक शिक्षा विभाग में हैं। मंगलवार को प्रोफेसर चंद्रशेखर ने पहले कुलपति के रूप में चार्ज ग्रहण कर लिया है। कुलसचिव संजीव कुमार सिंह ने उन्हें चार्ज ग्रहण कराया। कुलपति प्रो. चंद्रशेखर के चार्ज ग्रहण करने के बाद आस-पास जिले के कई शिक्षक उन्हें बधाई देने के लिए पहुंच गए। आगरा कॉलेज से उनके भाई डॉ. अमरनाथ, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड आयोग के सदस्य डॉ. ओपी राय, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. गौरव कौशिक आदि भी पहुंचे। बड़े भाई को कुलपति बनता देख डॉ. अमरनाथ की आंखें भी नम थीं। वह भी प्रोफेसर चंद्रशेखर की तरह काफी व्यवहार कुशल माने जाते हैं। नवागत कुलपति प्रोफेसर चंद्रशेखर ने डीएलए संवाददाता गौरव प्रताप सिंह के साथ बातचीत में बताया कि उनकी तीन प्राथमिकताएं मुख्य रूप से रहेंगी। पहली प्राथमिकता के तहत भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार सभी को शिक्षा दिलाने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। दूसरी प्राथमिकता नई शिक्षा नीति की जो कार्य योजना हैं उसे लागू करने की रहेगी। तीसरी प्राथमिकता में उन्होंने बताया कि जो लोकतांत्रिक संस्थाएं हैं उनको शीघ्र से शीघ्र चालू कराने का प्रयास रहेगा। कुलपति प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय के पहले कुलपति के रूप में नियुक्त होने के बाद वह अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।