फिरोजाबाद। जिले की सिरसागंज विधानसभा सीट पर इस बार रोचक मुकाबला है। यादवों के इस गढ़ में यादव वोटों के रूख पर सभी की नजर है। इस वोट बैंक पर सपा का एकाधिकार माना जाता है। इसी दम पर मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव दो बार सपा से चुनाव जीते। इस बार हरिओम यादव भाजपा से प्रत्याशी हैं। अब सवाल होता है कि यादव वोट सपा के साथ जाएगा या हरिओम के साथ। यदि इस क्षेत्र के यादव दलगत राजनीति से बंधे रहे और सपा का साथ नहीं छोड़ा तो मुलायम के समधी के हैट्रिक लगाना मुश्किल हो जाएगा।
वैसे हरिओम यादव और उनके समर्थकों का कहना है कि क्षेत्र में उनका निजी प्रभाव है। दोनों बार वह सपा के वोट बैंक पर नहीं अपनी दम पर मोदी लहर में भी चुनाव जीते है।
उधर सपा के प्रत्याशी सर्वेश यादव के लिए सपा के प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव अपना अधिकांश समय सिरसागंज में ही दे रहे। यादव सपा से ही जुड़ा रहे इसके लिए पूरा दम लगाए हुए है। सिरसागंज में इस बार रामगोपाल यादव के प्रभाव की भी परीक्षा है। मौजूदा समय में सिरसागंज में सियासी हवा का रुख कुछ और ही इशारा कर रहा है। यादवों की पट्टी पर यादव मतदाता कह रहे हैं, वो हरिओम के साथ है, लेकिन जिस पार्टी में वह गए है, उस पार्टी के साथ नहीं हैं। इसके क्या मायने है….।