आगरा। डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय ने आरटीआई के तहत छात्रों को कॉपी देना बंद कर दिया है। इससे छात्रों में आक्रोश है। एनएसयूआई के नेतृत्व में छात्र विश्वविद्यालय परिसर में धरना दे रहे हैं। छात्रों द्वारा धरना दिए जाने से भी विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
पूर्व में कई बार ऐसा देखने को मिला था कि छात्र कॉपी में सारे प्रश्नों के उत्तर देकर आते थे और उन्हें परीक्षक द्वारा बिना कॉपी चेक किए ही फेल कर दिया जाता था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरटीआई सिस्टम शुरू कर दिया। इसके तहत छात्र अपनी कॉपी विश्वविद्यालय से लेकर देख सकते हैं कि उनकी कॉपी में कोई उत्तर चेक होने से तो नहीं रह गया है। इस प्रक्रिया से कई छात्रों का भला हुआ और परीक्षकों की भी पोल खुली। वर्तमान में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस प्रक्रिया को बंद कर दिया है। बीएएमएस के कई छात्र कुछ पेपर में फेल हुए हैं। छात्रों का दावा है कि उनका पेपर काफी अच्छा हुआ था। परीक्षकों ने कॉपी गलत चेक की है। वह आरटीआई से अपनी कॉपी लेकर यह देखना चाहते थे कि परीक्षक ने उनकी कॉपी को कैसे चेक किया है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी कॉपी को नहीं दे रहा है। इस संबंध में जब वह कुलपति से मिले तो कुलपति ने सहायक कुलसचिव परीक्षा से बोल दिया कि छात्रों की आरटीआई के तहत कॉपी दिलवा दें। जब वह सहायक कुलसचिव के पास गए तो उन्होंने परीक्षा नियंत्रक से मिलने के लिए कहा। परीक्षा नियंत्रक ने छात्रों से स्पष्ट मना कर दिया कि विश्वविद्यालय कॉपी नहीं दे सकेगा। इसके बाद छात्र आग बबूला हैं। बुधवार को वह एनएसयूआई के गौरव शर्मा, अंकुश गौतम और सतीश सिकरवार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में धरने पर बैठ गए हैं। कुलपति और परीक्षा जनता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है। धरना देने वालों में प्रियदर्शी सौरव, मेहरबान, रेहान, मनीष, श्याम चौहान, मोहम्मद आसिफ, देवेश यादव, रोहित, जीशान आदि शामिल हैं।