नई दिल्ली। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। बैठक में हार पर चर्चा, पार्टी को मजबूत करने समेत कई मुद्दों पर बात हुई। इन सब के बीच एक बार फिर से जी-23 से जुड़े नेताओं का मुद्दा भी सामने आया है। बैठक में जी-23 नेताओं के मन की टीस कार्यसमिति की बैठक में प्रमुखता से सामने आई। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जी-23 नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने अपनी पीड़ा के साथ ही पार्टी को लेकर चिंताओं को रखा।
जी-23 में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपेंदर सिंह हुड्डा, राजिंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, संदीप दीक्षित
और विवेक तन्खा हैं। इनमें से जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जी-23 के तीन नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार इन नेताओं का कहना था कि वे लोग कांग्रेस के सदस्य हैं कोई राजनीतिक पर्यटक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा पार्टी में बने रहेंगे। उनका यह भी कहना था कि पार्टी नेतृत्व को नारद-मुनि और अफवाह फैलाने वालों के बारे में सजग रहना चाहिए। अब इसमें सवाल उठता है कि आखिर वो कौन से नेता हैं जो पार्टी में नारद मुनि का काम कर रहे हैं। ऐसे कौन नेता हैं जो इन जी-23 नेताओं के खिलाफ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कान भर रहे हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि हम में से कोई ऊपर से नहीं आया। खिड़की रोशनदान से नहीं आया। दरवाजे से आए हैं। चलकर आए हैं। छात्र आंदोलन से आए हैं। युवक आंदोलन से आए हैं। यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं है। यह किसी का हक नहीं है।
जी-23 के नेताओं ने जिन नारद मुनि की बात उठाई, वे आखिर कांग्रेस में कौन हैं? उनका इशारा किन नेताओं की ओर था, अब इस पर मीडिया में मंथन हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट में जी-23 नेताओं से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आ चुकी है कि सोनिया गांधी भले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हो लेकिन पार्टी को केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला चलाते हैं। साथ ही इन नेताओं के पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। अक्सर पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट नेताओं की तरफ से ऐसी भी बात आती रही है कि राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं फिर भी वह पर्दे के पीछे से पार्टी चलाते हैं और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। साथ ही राहुल गांधी पर खुले तौर पर किसी नेता से बातचीत नहीं करने के आरोप भी लगते रहे हैं। तो ऐसे में क्या पार्टी में केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला नारद मुनि हैं? इस संबंध में साफ तो कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन जी-23 के नेताओं ने जो कहा-उसका लब्बोलुआब वही था।
अनशन पर डटे हुए किसान नेता श्याम सिंह चाहर का 14 किलो वजन कम हुआ
आगरा। सहकारी समितियों में घोटाला करने वालों पर कार्रवाई को लेकर विकास भवन पर किसानों का 31 दिन से धरना...