आगरा। ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर माह में दो बार ई-रूपी वाउचर से अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलेगी। शासन की नई व्यवस्था के तहत गर्भवती डॉक्टर द्वारा लिखे जाने पर चयनित निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर यह सुविधा ले सकती है। इसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों और चिकित्सकों के संबंध में बैठक की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्र की गर्भवती के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला महिला चिकित्सालय (लेडी लॉयल) जिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड का प्रावधान है। यहां पर माह में दो बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस भी मनाया जाता है। लेकिन ग्रामीण स्तर पर हर जगह अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव ने पत्र भेजकर जिले में निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों के माध्यम से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवसों पर सीएचसी के जरिये गर्भवती को अल्ट्रासाउंड सेवा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
एसीएमओ आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस के दौरान जब डॉक्टर लिखित रूप से गर्भवती को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहेगा, उस दशा में वह यह सुविधा ले सकती हैं| गर्भवती का रजिस्ट्रेशन होने के बाद शासन से सीधे सेंटर के खाते में प्रत्येक अल्ट्रासाउंड पर 255 रुपये दिए जाते हैं।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पीएमएसएमए दिवस के दौरान गर्भवती का अल्ट्रासाउंड सहित, यूरिन, हीमोग्लोविन, शुगर, सिफलिस , वजन, ब्लड प्रेशर, ब्लड ग्रुप और एचआईवी और कोविड -19 की जांच की जाती है। इसके अलावा केंद्र पर आने वाले दंपति को बास्केट ऑफ च्वॉइस की सहायता से परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत गर्भवती के आरसीएच पंजीकरण के लिए भी विशेष काउंटर लगाकर, जिन लाभार्थियों का आरसीएच नंबर नहीं होता है, उनको पंजीकरण कराकर नंबर उपलब्ध कराया जाता हैं। वर्तमान में जनपद में 1.39 लाख से अधिक गर्भवती रजिस्टर हैं।