आगरा। आगरा में बाराखंबा स्थित आम्बेडकर भवन का मामला दो दिन से सुर्खियों में छाया हुआ है। रेलवे ने 11 मार्च को नोटिस जारी कर 15 दिन में इसे हटाने के निर्देश दिए थे। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और सांसद चंद्रशेखर ने भी अपना विरोध जारी किया है। सियासत गर्म होता देखकर आम्बेडकर भवन हटाने की कार्रवाई टल गई है।
होली से दो दिन पूर्व रेलवे ने बारहखंबा में बने आम्बेडकर भवन पर एक नोटिस चस्पा किया था जिसमें उसे अतिक्रमण घोषित कर ध्वस्त करने के आदेश थे। इस आदेश के बाद अनुयाईयों में आक्रोश फैल गया। पूर्व मुख्यमंत्री बीएसपी सुप्रीमो मायावती और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी इसका विरोध किया। रेल मंत्रालय को पत्र लिखे गए। इधर अंबेडकर अनुयाईयों में आक्रोश फैल गया। लोगों की भीड़ अंबेडकर भवन पर एकत्रित होने लगी। लोगों की इस प्रतिक्रिया से रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद वह बैक फुट पर आ गया है। इसके बावजूद भी लोगों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बेशक रेलवे ने कार्रवाई अभी नहीं की है, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके लिए भी उन्हें लिखित में चाहिए।
इधर मायावती ने एक्स पर पूछा-क्या यही है सरकार का अम्बेडकर प्रेमः नोटिस चस्पा होने पर बसपाईयों ने उसकी जानकारी मायावती को दी। जिस पर मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया कि ‘यूपी के आगरा में बाराखंबा रेलवे फाटक के पास दशकों से समाज हित व जनकल्याण आदि गतिविधियों से जुड़े ’अम्बेडकर भवन’ को अतिक्रमण बताकर उसे हटाने की कार्रवाई से लोगों में काफी रोष व आक्रोश व्याप्त है तथा लोगों का यह भी कहना है कि क्या यही है सरकार का अम्बेडकर प्रेम? ऐसे में केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि आगरा के साथ-साथ ऐसी और भी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर विरोधी कार्रवाईयों का तत्काल संज्ञान ले और जरूरी उचित कार्रवाई भी करे।