आगरा। हरीपर्वत थाना पुलिस के द्वारा जिस फर्जी दरोगा को जेल भेजा गया है उस फर्जी दरोगा के एक के बाद एक कई पुलिसकर्मियों के साथ फोटो वायरल हो रहे हैं। इस बार एसओजी टीम के साथ उसका फोटो सामने निकलकर आया है। बताया जा रहा है कि पुलिस कर्मियों के साथ अपने फोटो फेसबुक पर डालकर वह अपनी धाक जमाता था। कुछ पुलिसकर्मी उसे सामान्य आदमी समझ कर कार्यक्रमों में फोटो खिंचा लेते थे, कुछ साथी पुलिसकर्मी का खास आदमी समझकर उसके साथ फोटो खिंचा लेते थे तो कुछ मित्रता के चलते खिंचवाते थे। वर्तमान में वह पुलिसकर्मी कम परेशान हैं जिनके साथ उसने अनजाने में फोटो खिंचाए हैं। वह ज्यादा तनाव में हैं जिनके लिए उसने वसूली की है।
हरीपर्वत थाना पुलिस के द्वारा नशीले पदार्थ के साथ एक व्यक्ति पकड़ा गया था। इसकी सिफारिश में उजैर खान नाम का व्यक्ति यूपी पुलिस का दरोगा बनकर पहुंचा। हरीपर्वत थाने में तैनात दरोगा निशामक त्यागी को आरोपी को छोड़ने के लिए 92 हजार रुपये दिए। दरोगा को उस पर शक हुआ तो उसने उसके दरोगा होने की जांच पड़ताल की। जांच में वह फर्जी दरोगा निकला। हरीपर्वत इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने उसे जेल भेज दिया। फर्जी दरोगा के जेल भेजने के बाद ट्रांस यमुना थानाध्यक्ष अवधेश गौतम को लाइन हाजिर कर दिया गया है। क्योंकि थानाध्यक्ष के साथ उसके कई फोटो वायरल हुए हैं। यही नहीं पुलिस कमिश्नर जब ट्रांस यमुना थाने का निरीक्षण करने गए थे तब फर्जी दरोगा उनके पीछे चल रहा है। इधर बमरौली कटारा थानाध्यक्ष के साथ भी उसके फोटो वायरल हुए हैं। एसओजी टीम के साथ भी फर्जी दरोगा का फोटो वायरल हो रहा है। यह फोटो एक शादी समारोह का है। मामले में एसओजी टीम के एक सदस्य का कहना है कि एक शादी में यह फोटो खींचा गया है। वह साथ में खड़े होने वाले को सामान्य व्यक्ति समझ रहे थे।
प्रभाकर चौधरी आ रहे याद
कमिश्नरेट बनने के बाद कई थानों में दलालों का बोलबाला है। अभी तक दो दलाल पकड़े भी जा चुके हैं। एक को सिकंदरा थाना पुलिस ने जेल भेजा था। दूसरे को हरीपर्वत थाना पुलिस ने जेल भेजा है। सिकंदरा थाना पुलिस ने जिस हाजी भोलू को जेल भेजा था वह निर्दोष लोगों को जेल भिजवाने की धमकी देकर पैसे वसूलता था। सूत्रों का कहना है कि मानसिक चिकित्सालय के पास उसके ऑफिस में कई पुलिसकर्मी मटन और चिकन खाने के लिए जाते थे। इधर थानों में दलालों का बोलबाला देख कई लोग पूर्व एसएसपी प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल को याद कर रहे हैं। प्रभाकर चौधरी के द्वारा पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया जाता था, जिस वजह से वह जनता के हीरो बन गए थे। एसएसपी प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल में थानों में दलालों का प्रवेश वर्जित हो गया था। थाना प्रभारियों को लगता था कि अगर एसएसपी को पता चल गया तो वे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा देंगे।