आगरा। शनिवार को एक व्यक्ति ने पुलिस कमिश्नर और एडिशनल पुलिस कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की है कि दो सिपाही उनके स्कूटर की डिग्गी में मादक पदार्थ रखने आए थे। युवक ने शोर मचा दिया। उसी समय उसकी पत्नी आ गई। भीड़ भी एकत्रित हो गई। वीडियो बनने लगा। यह देख दोनों सिपाही वहां से भाग गए। पीड़ित से पूर्व में एक दरोगा ने 20 हजार वसूले थे जिस पर दरोगा निलंबित भी हुआ था और मुखबिर जेल गया था।
सौंठ की मंडी निवासी जमील ने शनिवार को पुलिस अधिकारियों से शिकायत की है कि वह जूता कारखाना चलाता है। पड़ोस में रहने वाले हाजी भोलू से रंजिश चल रही है। हाजी भोलू का पुलिस के साथ उठना-बैठना रहता है। वर्ष 2023 में साजिश के तहत सिकंदरा की पदम प्राइड चौकी की पुलिस ने उसे उठा लिया था। उसे वारंटी बताया था। जबकि वारंट किसी और का था। उसके साथ चौकी में मारपीट हुई थी। शिकायत पर तत्कालीन चौकी इंचार्ज पदम प्राइड देववृत्त पांडेय का निलंबन हुआ था। उसकी शिकायत पर हाजी भोलू के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने उसे जेल भेजा था।
24 अप्रैल रात करीब साढ़े आठ बजे दो सिपाहियों ने कैलाशपुरी मार्ग पर मानसिक आयोग्यशाला के पास उसे रोक लिया। उसके स्कूटर की डिग्गी खोलकर उसमें अवैध वस्तु रखने लगे। यह देख उसने शोर मचा दिया। सड़क पर भीड़ जमा हो गई। उसकी पत्नी भी मौके पर आ गई। उसने सिपाहियों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। सिपाही उसे जबरन टीपी नगर चौकी पर ले जाना चाहते थे। सिपाहियों ने फोन पर उसकी किसी दरोगा से बात भी कराई। दरोगा ने उसे धमकाया। उसने पता किया तो जानकारी हुई कि दोनों सिपाही टीपी नगर चौकी पर तैनात ही नहीं है। उसे आशंका है कि उसके खिलाफ एक बार फिर पुलिस से मिलीभगत करके साजिश रची जा रही है। इस मामले में जांच कराई जाए। पीड़ित के पास घटना के समय का वीडियो भी है। दो सिपाही उसमें दिख रहे हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पूर्व की घटना क्या थी
जमील चार जनवरी को अपने मकान आवास विकास सेक्टर 16 पर थे। तभी पदम प्राइड चौकी इंचार्ज देवव्रत पांडे उनके घर पर आ गए और उन्हें जबरन पकड़कर चौकी ले गए। यहां उनके साथ जमकर मारपीट की गई। बोले कि मेरे पास तुम्हारा वारंट है। जमील ने कहा कि साहब मेरे खिलाफ तो आज तक मुकदमा ही दर्ज नहीं हुआ तो वारंट कहां से आया। शायद आपको गलत फहमी हो गई है। आपको कोई और पकड़ना था आपने मुझे पकड़ लिया है। दरोगा ने कहा कि नहीं मैंने सही आदमी पकड़ा है। अगर 50 हजार दे देगा तो तुझे छोड़ दूंगा। जमील ने अपने परिवारीजनों को फोन कर पैसे मंगाए। परिवारीजन 20 हजार लेकर पहुंच गए, जिसके बाद दरोगा ने पैसे लेकर उसे छोड़ दिया। जमील का आरोप था कि मुखबिर ने भी पैसे खाए थे। बाद में पुलिस कमिश्नर ने मुखबिर को जेल भिजवाया था।