ऋषि चौहान
एटा। 10 फरवरी को कई इतिहास एक साथ घटेंगे। पहला यह कि पाटिल पुत्र पटियाली में पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री जनसभा करेंगे। दूसरा कोरोनावायरस की तीसरी लहर के बाद सभा का यह पहला अवसर होगा। इस जनसभा में एक लाख भीड़ जुटाने का लक्ष्य है। तीसरा यह कि पटियाली जैसे पिछड़े क्षेत्र में देश का कोई प्रधानमंत्री जनसभा करने आ रहा है।
हालाँकि प्रधानमंत्री बनेने क़े बाद नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह से अपने प्रगाड संबंधो के चलते उनके बेटे राजवीर सिंह उर्फ़ राजू भैया के समर्थन में वर्ष 2014 और 2019 में रामलीला मैदान एटा में चुनाव सभा करने एटा आ चुके हैं, लेकिन कासगंज के पटियाली मुख्यालय तहसील पर उनकी यह पहली जनसभा होगी।
पटियाली क्षेत्र से भाजपा के ममतेश शाक्य विधायक भाजपा के प्रत्याशी हैं। ममतेश का कद पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने के बाद और बढ़ गया। क्योंकि वे मौर्या के साथ नहीं गए और उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के साथ रहे। इसीलिए उनकी मनपसंद जगह पटियाली से टिकट दिया गया। इस सीट पर आजम खान की सिफारिश पर सपा के टिकट पर जाहिदा बेगम उर्फ बिटिया को टिकट दिया गया है। यह चुनाव बेहद रोचक हो गया है और प्रतिष्ठापूर्ण भी। मुस्लिम बाहुल्य सीट पर हाईकमान ने सीट को प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। प्रधानमंत्री के चुनावी सभा में आने को लेकर यह सीट बेहद रोचक हो गई है।
कोरोनावायरस काल में आज स्कूल कॉलेज खुले हैं और आज भी प्रधानमंत्री की पटियाली में जनसभा को लेकर प्रशासन और भाजपाइयों के हाथ-पैर फूल गए हैं।
इस संवाददाता ने जब प्रधानमंत्री की जनसभा के बारे में कासगंज के भाजपा जिला अध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी से बात की तो वह हड़बड़ाए हुए थे, उन्होंने बताया कि जनसभा एसबीएस कॉलेज के मैदान में होगी। समय और प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी, उन्होंने कहा कि जनसभा में एक लाख भीड़ जुटाने का लक्ष्य है। जनसभा का असर पटियाली के निकटवर्ती एटा, फर्रुखाबाद, बदायूं सहित दो दर्जन जिलों पर होगा।
रोचक बात यह है कि प्रधानमंत्री की पटियाली में जनसभा की तिथि उसी दिन निर्धारित की गई है जब उत्तर प्रदेश चुनाव का पहला चरण 10 फरवरी को होगा। ऐसे में इस चुनाव सभा का असर दूर दूर तक जाएगा। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता कोरोना काल में ज्यादा बढ़ी है। इसीलिए आम लोगों में जनसभा को लेकर भारी उत्साह है।
मोदी की लोकप्रियता चुनावों में भाजपा भुनाती रही है। देखना है पटियाली की पहली जनसभा का निकटवर्ती सीटों पर क्या असर होगा। यह गवाही मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम देंगे।