नई दिल्ली। पिछले दिनों आपने केरल के वावा सुरेश के बारे में जरूर सुना होगा, जिन्हें किंग कोबरा ने काट लिया था और तबीयत बिगड़ गई थी। अपने देश में वावा जैसे कई स्नेक मैन हैं जो कई दशकों से सांपों को बचाने का काम कर रहे हैं। इन्हें सांपों से डर नहीं लगता बल्कि ये सांपों के दोस्त बन जाते हैं। ऐसी ही एक महिला हैं जो अब तक 50,000 से ज्यादा सांपों को बचा चुकी हैं। जी हां, वनिता जगदेव बोराडे सांपों को नई जिंदगी देने वाली देश की पहली महिला रेस्क्यूअर हैं। आज राष्ट्रपति ने उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया।
वनिता को वन्यजीव संरक्षण के लिए उनके विशेष प्रयासों के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है। वह सांपों को बचाने के साथ ही उनके संरक्षण के लिए जागरुकता अभियान भी चलाती हैं। 50 हजार से ज्यादा सांपों को बचाने के कारण उन्हें सांपों का मित्र कहा जाता है। वह सांपों को ऐसे पकड़ती हैं जैसे लोग अपने दोस्तों से मिलते हैं। सांपों के साथ उनकी तस्वीर देखकर लोगों के पसीने छूट जाएं लेकिन वह सांपों को हाथ में लेकर भी बेहद शांत नजर आती हैं। वनिता महाराष्ट्र के बुलढाणा की रहने वाली हैं। डाक टिकट जारी कर भारतीय डाक विभाग उन्हें सम्मानित कर चुका है। महाराष्ट्र सरकार उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज वनश्री पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है।