आगरा। पश्चिमी जोन एसओजी, किरावली थाना पुलिस और साइबर सेल ने मिलकर आनलाइन ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गैंग के सदस्य बाजार और हाईवे किनारे कैनोपी लगाकर सिम बेचते थे। किसी भी व्यक्ति को गुमराह कर फर्जी तरीके से उसकी आइडी और फिंगर प्रिंट लगा तीन से चार सिम एक्टिव कराते थे। सिम को आगरा से दुबई और थाईलैंड में बैठे ठगों को तीन हजार में बेचा जाता था। ठग वहां से आनलाइन गेमिंग समेत अन्य तरीके से ठगे गए रुपये फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के खाते में भेजते थे जिसे भारत में कैश कर लिया जाता था।
डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि आगरा में फर्जी आईडी से खरीदे सिमों को बेचने वाला गैंग सक्रिय है। सूचना पर घेराबंदी करते हुए महुअर कट से सात लोग पकड़े गए। उनकी निशानदेही पर ड्रीम सिटी कालोनी में किराये के मकान में तीन महिलाएं भी पकड़ी गईं। महिलाओं से वोडाफोन और एयरटेल के 420 सिम और अन्य उपकरण बरामद किए गए।
पूछताछ में पता चला है कि सिम को आगरा से दुबई और थाईलैंड में बैठे ठगों को तीन हजार में बेचा जाता था। ठग वहां से आनलाइन गेमिंग समेत अन्य तरीके से ठगे गए रुपये फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के खाते में भेजता था। जिसे भारत में कैश कर लिया जाता था। मामले में 29 लोग नामजद हुए हैं। 10 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। 19 की तलाश जारी है। पुलिस को हवाला से भी जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं।
फर्जी तरीके से सिम एक्टिव करते थे
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि बाजार और हाईवे पर कैनोपी लगाकर फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट किया करते थे। जिसे 50 रुपये में खरीद कर सिम बंटी के माध्यम से 500 रुपये में दिल्ली में युसुफ और हाफीज को सौंपा जाता था। दिल्ली से युसुफ और हाफीज के माध्यम से लगेज बैग में रखकर सिम शानू के पास दुबई और थाईलैंड भी भेजा जाता था। एयरटेल कंपनी की सिम दुबई और वोडोफोन-आइडिया थाईलैंड भेजा जाता था। बताया फरह और सेवला के रहने वाले लोगों को कुछ रुपये देकर फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से खाता चालू कराया जाता था जिसके लिए प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये दिया जाता था।
सिम को दुबई और थाईलैंड पहुंचाने के बाद सिंडिकेट का मास्टरमाइंड आनलाइन गेमिंग कराते थे। जिसमें वहां के लोगों से कुछ धनराशि निवेश कराया जाता था। जिसे गेमिंग के माध्यम से ही दोगुनी धनराशि निवेश कर अधिक लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता था। जब दोगुनी धनराशि निवेश होती थी तब गुमराह कर निवेश कराया गया रुपया ठग पार कर देते थे। इसके बाद भारत भेजते थे।
एसीपी अछनेरा पूनम सिरोही ने बताया शाहरुख, गौतम, तोहीद, रोहित, दुर्गेश, शहबाज, आदित्य, अंजुम, भूमिका और गुलजाना के पास से 420 सिम, सात क्यूआर कोड और मोबाइल, चार स्वैप मशीन, 45 बैंक पासबुक, चार बाइक, दो पासपोर्ट, 54 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।