ऋषि चौहान
एटा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बंपर जीत की खुशी में सराबोर भाजपा विधान परिषद चुनाव स्थानीय निकाय घोषित होने के बाद तैयारियों में जुट गई है। भाजपा में टिकटों को लेकर मारामारी तेज हो गई है।
9 अप्रैल को मतदान और 12 अप्रैल को मतगणना होनी है। इन चुनाव के घोषित होने से सभी दलों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा में सरगर्मियां कुछ ज्यादा ही तेज नजर आ रही हैं। विधानसभा चुनाव में हारने वाले प्रत्याशी विधान परिषद में भाग्य आजमाना चाह रहे थे लेकिन हाईकमान ने आज हारे हुए प्रत्याशियों के लिए बैरियर लगाकर उन अटकलों पर विराम लगा दिया। भाजपा ने साफ किया कि हारने वाले प्रत्याशियों को कोई मौका नहीं दिया जाएगा। इसी के साथ प्रदेश की 36 परिषद सीटों के लिए टिकटों के लिए मारामारी और तेज हो गई है।
एटा, मैनपुरी, मथुरा के लिए 2 सीटों पर चुनाव होना है। इन दोनों सीटों पर समाज के दावेदारों की भाजपा में लंबी कतारें नजर आ रही हैं। भाजपा में पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव, पूर्व एमएलसी प्रत्येंद्र पाल सिंह उर्फ पप्पू भैया, गजेंद्र सिंह चौहान उर्फ बबलू सहित तमाम दावेदार टिकट की कतार में हैं। टिकट पाने के लिए तमाम नेता अपने आकाओं की परिक्रमा कर रहे हैं। बताते हैं भाजपा में टिकट 18 मार्च तक तय होने हैं यानी होली तक।
समाजवादी पार्टी में भी एमएलसी चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी अपने शबाब पर है। तमाम हारे हुए प्रत्याशी एटा और कासगंज में टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। विधान परिषद के पूर्व सभापति रमेश बाबू यादव, पूर्व विधायक पुत्र आशीष उर्फ आशू यादव टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इसी क्रम में शशांक यादव तमाम नाम चर्चाओं में बताए जा रहे हैं। देखना है टिकट के दावेदारों में से किसकी होली रंगीन होती है और किसकी बेरंग।