आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए राजभवन ने विज्ञापन निकाल दिया है। विभिन्न विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसरों द्वारा कुलपति बनने के लिए आवेदन किया जा रहा है। कुलपति के चयन के लिए जो सर्च कमेटी बनेगी, उस सर्च कमेटी के लिए कार्य परिषद से भी एक सदस्य को नामित किया जाना है। यह देखते हुए कल कार्यपरिषद की बैठक की जा रही है। कार्यपरिषद आखिर किसे नामित करेगी? यह देखने के लिए सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
प्रोफेसर अशोक मित्तल पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे। आरोपों की जांच के लिए कुलाधिपति ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने आरोपों को सही पाते हुए अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। अपने ऊपर आरोप सिद्ध होता देख कुलपति प्रो. अशोक मित्तल इस्तीफा देकर चले गए। प्रो. अशोक मित्तल के कार्य विरत होने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया था। इनके बाद कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया। प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने विश्वविद्यालय में सुधार करने के लिए कई कदम उठाए लेकिन अभी तक कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। वह जूम एप की बैठक में अधिकारियों के बीच बोल भी चुके हैं कि हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
दूसरी ओर स्थाई कुलपति पद के लिए राजभवन ने बीते दिनों विज्ञापन निकाल दिया था। 31 मार्च तक कुलपति बनने के लिए इच्छुक शिक्षाविद आवेदन कर सकते हैं। इधर कुलपति के चयन के लिए सर्च कमेटी भी बनती है। इसमें शासन, हाईकोर्ट, कुलाधिपति के अलावा विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद से भी सदस्य नामित होता है। सदस्य को नामित करने के लिए कल विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक होने जा रही है। विशेष सूत्रों का कहना है कि एक “साहब” द्वारा इस बैठक के लिए एक कूट-नीति बनाई गई है।
आज परीक्षा समिति की बैठक में हुए निर्णय
बीए, बीएससी और बीकॉम की राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं दीक्षांत समारोह के तत्काल बाद प्रारंभ किए जाने का आज परीक्षा समिति में निर्णय लिया गया।
विश्वविद्यालय की सत्र 2021-22 की स्नातक स्तर की द्वितीय एवं तृतीय वर्ष, बीकॉम (वोकेशनल) प्रथम वर्ष , द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष और परास्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं पुरानी पद्धति पर आयोजित की जाएंगी। अर्थात जिन प्रश्न पत्रों की परीक्षा ओएमआर पर आधारित होती थी। वह ओएमआर पर ही होंगी और शेष परीक्षाएं विस्तृत उत्तरीय प्रश्न पत्रों के आधार पर होंगी।
दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले पदकों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दी गई है, जिस पर 15 मार्च तक आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो उसे परीक्षा समिति द्वारा गठित समिति के समक्ष रखा जाएगा।
समिति में प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा, डीन अकादमिक प्रोफेसर संजीव कुमार, प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव और परीक्षा नियंत्रक द्वारा नामित एक प्रतिनिधि होगा।