ऋषि चौहान
एटा। चार राज्यों में बंपर जीत के बाद भाजपा ने एमएलसी चुनाव के बहाने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश की कुल 36 सीटों में से भाजपा ने 30 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इन प्रत्याशियों में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश की गई है। घोषित प्रत्याशियों में 11 ठाकुर हैं तो 6 ब्राह्मण। दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को भी टिकट से नवाजा जा रहा है ताकि जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधा जाए।
यह बताने की जरूरत नहीं कि कुल 36 सीटों में विधान परिषद की एटा, मथुरा और मैनपुरी सीट पर दो प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं। भाजपा ने मथुरा के पुराने जिलाध्यक्ष ठाकुर जाति के ओमप्रकाश पर दांव लगाया है तो एटा में विधान परिषद के पूर्व सभापति छह बार के एमएलसी रमेश बाबू यादव के पूर्व विधायक बेटे आशीष यादव को टिकट दिया है। आशीष यादव उर्फ आशु 42 वर्षीय हैं, लेकिन एटा सीट पर उन्होंने परोक्ष रूप से भाजपा को जिताने की भरपूर कोशिश की तो वहीं विरोधियों को निपटाने की भी कोशिश की है। उनके पिता रमेश बाबू यादव विधान परिषद के सभापति रह चुके हैं। वे तत्कालीन सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बहुत खास माने जाते हैं, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में बेटे की खातिर उन्होंने पाला बदल लिया है और अब भाजपा में आ गए हैं। आशू यादव को एमएलसी का टिकट देने के कारण एटा के समीकरण बदले हैं। भाजपा ने पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव और पूर्व एमएलसी सत्येंद्र पाल और पप्पू भैया को नजरअंदाज कर आशू यादव को टिकट दिया है।
इससे साफ है कि आने वाले दिनों में एटा जिले में भी पाला बदलने और पद पाने की कोशिशें तेज होंगी।
विधान परिषद के चुनाव के कार्यक्रम के अनुसार स्थानीय निकाय के चुनाव में 21 मार्च तक नामांकन होना है। ऐसे में बची हुई आधा दर्जन सीटों को भी भाजपा जल्दी ही घोषित करेगी। एमएलसी चुनाव के लिए भाजपा ने पूर्व विधायक आशीष यादव उर्फ आशु को टिकट देकर राजनैतिक पंडितों को भी चौंका दिया है।