आगरा। चोरों से चोरी का माल खरीदने वाले इटावा के सराफ को दरोगा द्वारा छोड़े जाने का मामला सुर्खियों में छाया हुआ था। पुलिस की काफी फजीहत हो रही थी। पुलिस ने सराफा व्यापारी भाइयों को पकड़ लिया है। लाखों का माल भी बरामद हुआ है। पुलिस के इस गुडवर्क में कई राज छिपे हैं। हकीकत अधिकारियों को पता चल गई है। लेकिन हमेशा की तरह कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
12 जनवरी को ट्रांसयमुना कालोनी निवासी मेडिकल कॉलेज के मैनेजर सुबोध सुदान के घर चोरी हुई थी। चोर 40 लाख से अधिक का माल चुराकर ले गए थे। 18 जनवरी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद तीन चोरों को पकड़कर जेल भेजा था। आरोपियों के पास से जेवरात, बाइक और तमंचा बरामद हुआ था। इधर थाने में यह बात सुर्खियों में छाई हुई थी कि चोरी का माल इटावा के जिस सराफा व्यापारी ने खरीदा था पुलिस ने सेटिंग के बाद उसे छोड़ दिया। मामला संज्ञान में आने वाले के बाद सिटी जोन की एसओजी टीम ने संजय उर्फ संजू व उसके भाई प्रशांत को पकड़ा। दोनों के कब्जे से लाखों का सोना बरामद हुआ है। आरोपित भाइयों ने पुलिस अधिकारियों को पूछताछ में पूरी हकीकत बताई। यह भी बताया कि अरविंद ने जो सोना दिया था उसके एवज में उन्होंने उसे चार लाख रुपये दिए थे। बाद में पता चला कि सोना चोरी का है। इटावा कोतवाली में संपर्क किया। वहां एक पुलिसकर्मी ने एत्मादुद्दौला थाने में बात कराई। उन्होंने सोना तो पहले ही पुलिस को दे दिया था। चर्चा है कि चोरी का माल खरीदने पर पुलिस ने उन्हें छोड़ा भी अपनी शर्तों पर था। यह खेल उजागर होने पर दोनों भाई पकड़े गए। सराफ को छोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। चर्चाएं हैं कि अगर मामले में अंडर ट्रेनी दरोगा या सिपाही की संलिप्तता होती तो उस पर कार्रवाई कर दी जाती। जो दरोगा सुर्खियों में छाया हुआ है उसे एक अधिकारी ने इटावा भेजा था यह बात भी चर्चाओं में है। इस दरोगा की चौकी क्षेत्र का मामला नहीं था फिर भी यह वहां गया था।