-ऋषि चौहान-
एटा। चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय विधान परिषद चुनाव घोषित कर दिए हैं। इसी के साथ राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में हालात इस कदर बन चले हैं कि प्रत्याशियों में एक अनार सौ बीमार की कहावत चरितार्थ हो रही है।
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय विधान परिषद चुनाव के लिए कुल 36 सीटें हैं। इन सीटों पर प्रत्याशियों की भीड़ देखने लायक है। एक-एक सीट पर लंबी कतारें हैं। यानी एक अनार सौ बीमार ।
हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव इन दिनों चल रहे हैं। इसके बावजूद इसके दावेदारों ने बड़े नेताओं की परिक्रमा शुरू कर दी है।
एटा, मथुरा, मैनपुरी स्थानीय निकाय सीट पर सभी जातियों के दर्जनों दावेदार टिकट की कतार में हैं। इनमें नए और पुराने सभी तरह के दावेदार अपनी-अपनी टिकट फाइनल कराने के लिए नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं। एटा सीट के लिए पहले एमएलसी रह चुके सत्येंद्र पाल सिंह उर्फ पप्पू भैया, पूर्व एमएलसी अवधपाल सिंह यादव, क्षत्रिय सभा के गजेंद्र सिंह चौहान सहित दावेदारों की लंबी कतारें अपना अपना भाग्य आजमा रही हैं।
आज विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष में बड़े नेताओं की सभा शुरू हो गई हैं। कासगंज में 3 दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी सभा थी। दावेदार राजनाथ सिंह की परिक्रमा करते देखे गए। हालात यह हैं कि दावेदार पार्टी का चुनाव भूलकर अपने टिकट को फाइनल करने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। यहां यह कहना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा कि 36 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश में हजारों दावेदार नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं।
ये हालात इकलौती भाजपा में नहीं हैं। सपा बसपा, रालोद और कांग्रेस में भी कमोवेश यही हाल हैं। सूत्रों की मानें तो एटा, मैनपुरी और मथुरा में सभी जातियों में दावेदार अपना अपना भाग्य आजमा रहे हैं। हालात यह हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए जिन लोगों को टिकट नहीं मिला था। वे अब स्थानीय निकाय विधान परिषद के टिकट के लिए हर दल में लाइन लगाए खड़े हैं।